शिवराज कैबिनेट के अहम फैसले…
– घरेलू हिंसा की पीड़िता के लिए महिला बाल विकास की नई सहायता योजना मंजूर। इस योजना के तहत पीड़िता को शरीर के किसी भी अंग की क्षति 40 प्रतिशत से कम होने पर दो लाख और इससे अधिक होने पर चार लाख रुपये तक सहायता दी जाएगी।
– मध्यप्रदेश में शराब की नई दुकानें नहीं खुलेंगी। आबकारी विभाग के शराब की उप दुकानें खोलने के प्रस्ताव को सरकार ने नामंजूर किया।
– प्रदेश में अंगूर के अलावा जामुन से शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी।
– नगरीय क्षेत्रों में शामिल होने वाले ग्रामों की आबादी भूमि के अलग-अलग पट्टे का प्रस्ताव मंजूर। एक ही भूखंड का आवासीय और व्यावसायिक उपयोग करने पर दो पट्टे लेने होंगे और अलग-अलग शुल्क देना पड़ेगा।
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– चिकित्सा विशेषज्ञ के रिक्त पदों को भरने के लिए 25 प्रतिशत यानि 904 पद अब सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे। शेष पदों पर क्रमोन्नति का लाभ दिया जाएगा।
– मध्य प्रदेश में 3618 विशेषज्ञ के पद में से 2899 पद रिक्त हैं,जिस पर वर्ष 2016 से पदोन्नति की रोक लगी है।अगर यह हटेगी तो 893 चिकित्सक पदोन्नत हो सकेंगे लेकिन तीन वर्ष में 317 विशेषज्ञ चिकित्सक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
– पीजी चिकित्सकों को विभाग की सेवाओं के लिए आकर्षित करने के लिए चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण करने के दो साल बाद क्रमोन्न्त वेतनमान स्वीकृत किया जाएगा।
– पांच स्वशासी इंजीनियरिंग कालेज और 67 पालीटेक्निक में अतिथि व्याख्याता को प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेन देने का प्रस्ताव है। पूर्व से कार्यरत व्याख्याताओं को अनुभव के 20 बोनस अंक दिए जाएंगे।
गैस पीड़ित व उनके बच्चों को आयुष्मान निरामयम योजना में शामिल करना प्रस्तावित ।एक साल में उपचार में पांच लाख रुपये से अधिक व्यय होने पर शेष राशि की प्रतिपूर्ति भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग करेगा।
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