शिवराज कार्यकाल में वर्ष 2016 में आनंद विभाग की स्थापना के बाद से हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए काम शुरू हुआ था। शुरूआत में एक हजार लोगों के बीच पहुंचकर पायलट सर्वे किया गया। तैयार की गई प्रश्नावली एक लाख से अधिक लोगों के बीच पहंचकर सर्वे किया जाना था। इसी सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर इंडेक्स तैयार किया जाना था। संभावना थी कि चुनावी साल में यह इंडेक्स तैयार हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
सरकार बदलते ही इसका काम ठण्डे बस्ते में चला गया। अब सरकार का फोकस हैप्पीनेस इंडेक्स से ज्यादा लोगों को हैप्पी रखने में बढ़ा है। शिवराज सरकार में गठित आनंद विभाग का नाम बदलकर आध्यात्म विभाग किया जा चुका है। आध्यात्म विभाग के मंंत्री पीसी शर्मा कहते हैं कि हमारी सरकार की खुशियां बांटने में भरोसा करती है। इसलिए सरकार आमजन के लिए कार्यक्रम और प्लान तैयार कर रही है।
खुशियां देने के सरकार के ऐसे प्रयास –
कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी आयोग को सौंपी गई है। वहीं किसानों का बकाया कर्ज माफ किए जाने की तैयारी है। धान खरीदी का पैसा सीधे ही किसानों के खाते में डाला जा रहा है। कर्जदार किसानों को डिफाल्डटर की श्रेणी से बाहर किया जा रहा है। युवाओं को रोजगार के लिए कैम्पस सिलेक्शन की तैयारी है। उद्योगों को विभिन्न प्रकार की रियायतें भी दी गई है।
वचनों को पूरा करने पर फोकस –
कमलनाथ सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर सरकार के मंत्रियों ने एक साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। आमजन को यह बताने का प्रयास किया चुनाव के पहले आमजन को वचन दिए गए थे पूरे किए जा रहे हैं। एक साल के रिपोर्टकार्ड के साथ ही काम-काज की फीडबैक भी सामने आया। समाज के कुछ वर्ग और संगठनों की नाराजगी भी सामने आई। इस नाराजगी को दूर करने के साथ कमजोर कडिय़ों की तलाश भी शुरू हो रही है। इसी कड़ी में लोगों की नाराजगी दूर करने के साथ खुशियां देने के प्रयास भी हो रहे हैं।