शिवराज सिंह ने दिल से कार्यक्रम में हर बार किसी न किसी नई शख्सियत की कहानी बताई, कभी अमिताभ बच्चन तो कभी पण्डित दिन दयाल तो कभी विवेकानंद। कई महिनों तक लगातार चले सीएम के इस कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्रों में काफी सराहा भी गया; लेकिन चुनाव नजदीक आते ही बसीएम ने दिल से कार्यक्रम में रेडियो के माध्यम से जुडने की बजाए सीधे जनता से जुडने जनआशिर्वाद यात्रा पर फोकस किया है ।
यात्रा शुरु होते ही सीएम का दिल से कार्यक्रम बंद है।सीएम लोगों से सीधे रुबरु हो रहे है, उनकी समस्याओं को जान रहे है और उनका तत्काल समाधान कर रहे है। इसके अलावा घोषणाओं की भी झड़ी लगी हुई है, सीएम द्वारा हर जिले में कुछ ना कुछ नई घोषणाओं का ऐलान किया जा रहा है, सरकार की योजनाओं का बखूबी बखान किया जा रहा है। ऐसे में सीएम शिवराज का सीधा फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर है। वही अगले महिने आचार संहिता लगने वाली है, चुनाव में समय कम बचा है और विपक्ष ने सरकार के लिए मुसीबत पर मुसीबत खड़ी कर रहा है, ऐसे में सरकार कोई चूक नही करना चाहती, इसलिए जनता से रेडियो-टीवी की अपेक्षा सीधा संवाद कर रही है।
इधर छत्तीसगढ में रमन सिंह ने मोदी के मन की बात की तर्ज पर रमन की गोठ कार्यक्रम शुरु किया था। रमन सिंह ने भी रेडियो के माध्यम से अपनी बात और योजनाएं जनता तक पहुंचाना शुरु की, जो आज तक जारी है। छत्तीसगढ में भी मप्र के साथ चुनाव है, रमन सिंह भी विकास यात्रा पर हैं, लेकिन उन्होंने लोगों से सीधे रुबरु होने के साथ रमन की गोठ को अभी तक जारी रखा है।