शिवराज बोले- यहां लगता आनंद की वर्षा हो रही, जनता से मिलो तो पता चलता कि आनंद कितना-कहां पहुंचा…
———————शिवराज का ऐलान- राज्य निर्यात प्रमोशन काउंसिल बनेगी, एक हफ्ते में काम शुरू, हर जिले में प्रमोशन कमेटी भी———————-
Youth asked for proof of CM Shivraj Singh corona vaccine
jitendra.chourasiya@भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोई सरकार अकेली देश-प्रदेश की तरक्की नहीं कर सकती। जनता की भागीदारी जरूरी है। इसलिए मैं जनता से मिलता हूू। इसे नाम दिया है जनदर्शन। कोई भी मिल लें। क्योंकि, सही चीज तो जनता ही बताती है। वरना यहां चेयर पर बैठो, तो ऐसा रंगीन पिक्चर पेश होता है कि महाराज की जय हो। चारों तरफ आनंद की वर्षा हो रही है। जनता के बीच जाते हैं, तो आनंद कितना- कहां पहुंच रहा है, उसका भी अनुभव होता है।
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यह ऐलान शिवराज ने बुधवार को मप्र: इंडिया इमर्जिंग एक्सपोर्ट टाइगर कॉन्क्लेव के शुभारंभ कार्यक्रम में कहीं। मिंटो हाल में इस कार्यक्रम में शिवराज ने एमपी ट्रेड पोर्टल और एक्सपोर्ट हेल्पलाइन का शुभारंभ भी किया। यहां शिवराज ने कहा कि कोरोना के समय हमने जनता और अनुभवी एक्सपर्ट से फैसले कराएं। क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी बनाई, क्योंकि जिस काम का जो अनुभवी है, उससे पूछो, वो दिन-रात जो काम कर रहा है, उससे ज्यादा हम थोड़े ही जानते हैं। लेकिन, हमारे यहां राजनेताओं को ये गुमान हो जाता है कि उनसे ज्यादा विद्वान कोई है ही नहीं। मैं इसको नहीं मानता। इसलिए एक्सपोर्ट काउंसिल बना रहे। इसमें निर्यातक भी शामिल होंगे। एक हफ्ते में यह काम करना शुरू करेगी। शिवराज ने कहा कि कई बार जनता से बात करते हैं, तो कई तरह की समस्या के समाधान भी मिलते हैं। रघुवंशी एक्सपोटर से मिला, तो बताया कि सोयाबीन गल्फ कंट्री निर्यात कर सकते हैं। निर्यात और भी बहुत कुछ हो सकता है। कई तरह की सर्विस हम निर्यात कर सकते हैं। एक जिला एक उत्पादन में एक नवंबर को उत्पादन भले ही एक इकाई का एक जिले में शुरू हो, लेकिन शुरू कर देेगे। यह गाइडलाइन दे दी है। अब हर सोमवार निवेशकों से चर्चा भी करूंगा। सुशासन के बिना सब बेमानी हो जाता है। उद्योगपति यदि मंजूरी के लिए घूमते रहे, तो फिर क्या निर्यात होगा। इसलिए निश्चित समय में काम बिना किसी रोक-टोक और लेन-देन के हो यह गुड गवर्नेंस है।
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ऐसे काम करेगी काउंसिल-
काउंसिल में निर्यातक रहेंगे। हर महीने बैठक होगी। हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी रहेगी। इसमें भी निर्यातक रहेंगे। जिन राज्यों व देशों ने अच्छा काम किया, वहां के बेहतर मॉडल को लेंगे। उसकी राज्य स्तर पर स्टडी करके रूपरेखा बनेगी। टॉस्क फोर्स भी बनाएंगे। जिला स्तर पर कमेटी बताए कि उसके जिले में कौन सा बेहतर उत्पाद, किसे कहां और किस तरह निर्यात किया जा सकता है। एक साल में इस पर परिणाम देंगे। काउंसिल, कमेटी के लक्ष्य तय होंगे। एक साल के सभी लक्ष्य तय रहेंगे। हर जिले से निर्यात होगा।
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बाजार-सरकार मिलकर काम करेंगे-
शिवराज ने कहा कि प्रदेश में एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए बाजार और सरकार अब मिलकर काम करेंगे। मध्यप्रदेश ट्रेड पोर्टल औद्योगिक इकाइयों तथा निर्यातकों के लिए निर्यात से जुड़ी तकनीकों को समझाने और निर्यातकों को विश्व के प्रमुख आयातकों से जोडऩे में सेतु का कार्य करेगा। एक्सपोर्ट हेल्पलाइन के माध्यम से निर्यातकों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा सकेगा।
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अंतराष्ट्र्रीय मार्केट का सर्वे होगा-
शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश लेण्डलाक्ड स्टेट है, पर हमारे प्रदेश में विविधता बहुत है। स्थानीय स्तर पर भी निर्यात की गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। निर्यात बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है। निर्यात की संभावनाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय मार्केट सर्वे और वहाँ की माँग, उत्पाद की गुणवत्ता पर ध्यान और उत्कर्ष वैल्यू चेन विकसित की जाएगी।
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औद्योगिक विकास और रोजगार पर फोकस-
शिवराज ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए सुशासन और अर्थ-व्यवस्था और रोजगार सर्वोपरि हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निवेश बढ़ाना होगा। हम प्रदेश में तेज गति से औद्योगिक विकास कर रोजगार पर फोकस कर रहे हैं। कोरोना की कठिन परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश में औद्योगिक निवेश में तेजी से वृद्धि हुई है। केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. सचिन चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया।
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