इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा के निशाने पर हैं। जिसके बाद शर्मा ने एक बार फिर शिवराज को नसीहत देते हुए, ऐसी बात कह दी है कि पार्टी में हडकंप मच गया है।
दरअसल पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कुछ समय के लिए संन्यास की नसीहत देते हुए शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज को पांच-दस साल तक कोई पद नहीं लेना चाहिए और न ही कोई चुनाव लड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में उनके नेतृत्व में पार्टी हार गई है तो अब उन्हें संयम में रहना चाहिए और अब साधारण विधायक की तरह रहना चाहिए। साथ ही पार्टी के पैसे या अपने पैसे से वायुयान जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
यहां रघुनंदन शर्मा ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि 2003 में कांग्रेस की हार के बाद दिग्विजय ने दस साल तक कोई पद नहीं लिया और पार्टी के लिए लगातार काम किया। इसी तरह शिवराज सिंह चौहान को भी भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने ऐसा ही आदर्श पेश करना चाहिए।
ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले शर्मा ने कहा था कि अगर पार्टी जीतती है तो इसके जिम्मेदार भी शिवराज होंगे। और यदि हारती है तो भी उनकी ही जिम्मेदारी होगी।
इधर, युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की बैठक…वहीं दूसरी ओर भोपाल भाजपा कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई साथ ही विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की भी समीक्षा की गई। शिवराज सिंह ने प्रदेशभर से आए युवाओं से कहा कि वे लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहे।
चुनाव में बीजेपी को शानदार जीत दर्ज करनी है। शिवराज सिंह ने कहा कि कार्यकर्ता चिंता ना करें,पार्टी हारी नहीं है अभी बस एक ब्रेक हुआ है फिर बीजेपी सत्ता में आएगी।