शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा- धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति है। यही राहुल गांधी और कांग्रेस की तकलीफ है। वे नहीं चाहते कि कश्मीर में शांति रहे। कश्मीर में अशांति नेहरू जी के गलत फैसलों के कारण थी। धारा 370 कश्मीर के लिए अभिशाप थी, आतंकवाद का कारण थी। इस धारा ने कभी कश्मीर की जनता का बहुत नुकसान किया। नेहरूजी ने जो गलती की, पीएम मोदी जी ने सुधार दी। कांग्रेस परेशान क्यों है?
इससे पले शिवराज सिंह चौहान ने जवाहर लाल नेहरू पर हमला बोलते हुए कहा था- जब भारतीय फौज ( Indian Forces ) कश्मीर से पाकिस्तानियों को खदेड़ते हुए आगे बढ़ रही थी, उसी समय पंडित जवाहर लाला नेहरू ने संघर्ष विराम की घोषणा कर दी। जिस कारण से जम्मू-कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया। यदि कुछ दिन और सीजफायर की घोषणा नहीं होती, तो पूरा कश्मीर हमारा होता। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था- पंडित जवाहर लाल नेहरू का दूसरा अपराध धारा 370 है। एक देश दो निशान, दो विधान और दो प्रधान। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था- यह केवल देश के साथ नाइंसाफी नहीं है, बल्कि अपराध भी है।
शिवराज सिंह चौहान के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम कमल नाथ ने कहा था- देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है, जिन्होंने आज़ादी के लिये संघर्ष किया,जिनके किये गये कार्य व देश हित में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात् आज अपराधी कह कर संबोधित करना,बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कहा था कश्मीर के मुद्दे पर भाजपा ने अपने हाथ झुसला लिए हैं। कश्मीर बचाना हमारी प्राथमिकता है। मैं मोदी, शाह और डोभाल से अनुरोध करता हूं कि सोच समझकर काम करें अन्यथा कश्मीर अपने हाथ से निकल जाएगा। दिग्विजय ने कहा, ‘मैंने आप लोगों से कहा था कि अगर अनुच्छेद 370 हटी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। देखिए, आज कश्मीर जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी अपने हाथ आग में झुलसा लिए हैं। कश्मीर को बचाना हमारी प्राथमिकता है।’