बिजली उत्पादन पर बढऩे वाली लागत को उपभोक्ता वसूल
जानकारी के अनुसार बिजली के उत्पादन में लगने वाले ईंधन जैसा कोयला आदि पर लगने वाली लागत को प्रति यूनिट डिवाइड कर दिया जाता है, यानि बिजली उत्पादन पर बढऩे वाली लागत को उपभोक्ता वसूल किया जाता है। चूंकि इस बार बिजली उत्पादन पर की गई समीक्षा के तहत बिजली के उत्पादन में कुछ लागत बढ़ी है, इस कारण उसे प्रति यूनिट 7 पैसा के मान से बिजली बिल में बढ़ाकर वसूला जाएगा।
यह भी पढ़ें : सांसद के खिलाफ फूटा एनएसयूआई का आक्रोश, धारा 144 भी नजर अंदाज
प्रति यूनिट 7 पैसे अधिक वसूला जाएगा
इस प्रकार नए साल में एक जनवरी से उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 7 पैसे अधिक वसूला जाएगा। इस संबंध में मप्र विद्युत नियामक आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम तिमाही के लिए फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। एक जनवरी ये 31 मार्च 2022 तक ये दर प्रभावशाली रहेगी, इसके बाद जो लागत आएगी उसी के अनुसार अगली तिमाही का निर्णय लिया जाएगा। हो सकता है इसके बाद कुछ कम या ज्यादा हो जाए।
यह भी पढ़ें : न्यू ईयर मनाने से पहले गाइडलाइन पर जरूर रखें ध्यान-नहीं तो महंगा पड़ जाएगा नया साल
पहले ही बढ़ाए थे 13 पैसे
जानकारी के अनुसार बिजली कंपनियों ने वर्ष 2021 में 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर की तिमाही में 13 पैसे एफसीए में वृद्धि की थी। दरअसल एफसीए बिजली कंपनी ईंधन और कोयले की अलग-अलग कीमत के आधार पर बिल में लागू होने वाली अतिरिक्त राशि रहती है। चूंकि कोयला या ईंधन की कीमत हर माह मांग और आपूर्ति के आधार पर बदलती है, इसी कारण इस लागत को प्रति यूनिट डिवाइड कर दिया जाता है। इस प्रकार नियामक आयोग 30 दिसंबर को एफसीए चार्ज 7 पैसे प्रति यूनिट वसूलने का आदेश जारी किया है। जो अगले तीन माह के लिए होगा।