यह उम्मीद जताई जा रही है कि कमलनाथ और सोनिया गांधी की मुलाकात में प्रदेश के ताजे सियासी घटनाक्रमों को लेकर चर्चा हो सकती है। दोनों के बीच कांग्रेस पार्टी के नेताओं की भूमिका को लेकर चर्चा हो सकती है।
कांग्रेस के बागी विधायक 10 दिनों से बेंगलुरु में रूके हुए थे गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी और पूर्व विधायक बीत 10 दिनों से बेंगलुरु में रूके हुए थे। दिग्विजय सिंह के बेंगलुरु में बागियों ने मिलने से इंकार किया। उसके बाद से ही कांग्रेस सरकार की उलटी गिनती शुरु कर दी। तभी से माना जाने लगा था कि अब भाजपा बाजी मारकर ले जाएगी। दिग्विजय के प्रयास विफल होते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा देने का मन बना लिया था।
बीजेपी को 15 साल मिले थे कमलनाथ ने शुक्रवार को इस्तीफा देने से पहले कहा कि, ‘राज्य में बीजेपी को 15 साल मिले थे. मुझे अब तक सिर्फ 15 महीने मिले हैं. ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गुजरे. इन 15 महीनों मे राज्य का हर नागरिक गवाह है कि मैंने राज्य के लिए कितना काम किया, लेकिन बीजेपी को ये काम रास नहीं आए और उसने हमारे खिलाफ लगातार काम किया.’