लालघाटी-मुबारकपुर प्रोजेक्ट पूरा करने का ठेका दिल्ली की सीडीएस इंफ्रा को मिला है जो रेन वॉटर ड्रेनेज सिस्टम के नाम पर सिर्फ अंडरपास बना रही है। इंडियन रोड कांग्रेस की गाइड लाइन है कि ऐसे अंडरपास का आसपास के नालों तक चैनलाइजेशन होना जरूरी है। मौके पर सड़क के नीचे सिर्फ अंडरपास बनाकर छोड़ दिए गए हैं। टेंडर शर्तों के मुताबिक सीडीएस कंपनी को 211 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की 10 प्रतिशत राशि ड्रेनेज सिस्टम पर खर्च करनी थी। कंपनी ने लगभग 22 करोड़ रुपए की ये राशि खर्च नहीं की है।
लालघाटी और सिंगारचोली आरओबी के आगे दाता कॉलोनी, पंचवटी कॉलोनी, पुष्प कॉलोनी, कर्नल कॉर्नर, सुविधा एनक्लेव सहित एक दर्जन कॉलोनियां एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ मौजूद हैं। सड़क के एक तरफ एयरपोर्ट की ढलान है जबकि दूसरी तरफ जेल पहाड़ी की तराई है। बारिश में दोनों तरफ से पानी बहकर एयरपोर्ट रोड पर आता है और स्थानीय नालों में समा जाता है। प्रोजेक्ट चालू होने के जल निकासी के लिए गिनती के पाइंट पर अंडरपास बना दिए गए हैं, लेकिन इन्हें नालों तक जोड़ा नहीं गया है। बारिश में इन पाइंट से भारी मात्रा में पानी बहकर आसपास के क्षेत्रों में भरना तय है।
नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्र्धन सिंह ने मौके पर आकर स्वयं भ्रष्टाचार देखा, उन्होंने अफसरों को 5 मार्च को मंत्रालय बुलवाया है। बीती रात एसडीएम और गांधी नगर टीआइ ने मौके पर आकर मुझे मुंह बंद रखने धमकाया था जिसकी शिकायत मैंने संभागायुक्त से की है।
गजंफर अली, रिटायर्ड कर्नल, शिकायतकर्ता