निरीक्षण का दावा झूठा
नाले पर निर्माण के कारण हर साल मानसून में रंगमहल, न्यू मार्केट, टीन शेड, सरस्वती नगर, शास्त्री नगर एवं आसपास के क्षेत्रों से आने वाला बारिश का पानी चंद्रशेखर आजाद स्कूल के सामने फैलेगा। मौजूदा स्थिति यह है कि नाले को संकरी नाली में तब्दील कर खत्म किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के अफसर नाले को डायवर्ट करने की बात कह रहे हैं, लेकिन मौके पर कोई काम नहीं हुआ। प्रशासन के आला अफसरों के साथ कई बार निरीक्षण का दावा झूठा है।
बार-बार बदला प्लान
पलाश होटल के सामने खाली पड़ी सरकारी जमीन पर आवास निर्माण का काम शुरू किया गया था। उस दौरान दशहरा मैदान के पास पलाश मार्केट की सड़क को छोड़कर बाकी जगह निर्माण किया जाना था। इसके बाद दुकान के आगे तीन मीटर तक खंभे लगाकर जगह घेरी गई। विरोध होने पर मंत्री पीसी शर्मा मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद दुकानों से 15 मीटर दूर सड़क का आधा हिस्सा छोड़कर निर्माण शुरू किया गया। जाहिर है सटीक प्लान नहीं होने से जहां जैसी जगह मिल रही है, वैसा काम हो रहा है। फिलहाल यहां सात आवासीय टॉवर आकार ले चुके हैं। बड़ा सवाल है कि 25 टॉवर कहां और कैसे बनेंगे।
14 फ्लोर, 25 आवासीय टावर
14-14 मंजिला 25 आवासीय टॉवर बनाना है स्मार्टसिटी को सरकारी कर्मचारियों के लिए
50 फीसदी काम भी अब तक नहीं हो पाया
682 करोड़ रुपए से अधिक लागत तय है इन आवासों की
2800 से अधिक फ्लैट का करना है निर्माण
मानसून में हर साल बनेगा सिरदर्द
रंगमहल से बाणगंगा के बीच के इस नाले को दबाने का असर स्मार्ट सिटी एरिया पर ही रहेगा। चंद्रशेखर स्कूल के पास से इसके पानी को निकालने की उचित व्यवस्था नहीं होने से ये पूरे क्षेत्र में फैलेगा। बताया जाता है कि इसका फ्लो काफी ज्यादा है और जो स्मार्ट सिटी खासकर नवनिर्मित सरकारी आवासों और दशहरा मैदान के आसपास होने वाले निर्माणों के लिए बड़ा सिरदर्द बन जाएगा।
दावा-45 बंगला क्षेत्र में डायवर्ट किया
स्मार्ट सिटी अफसरों का कहना है कि चंद्रशेखर आजाद स्कूल के सामने से नाले को 45 बंगला की ओर डायवर्ट किया जाएगा। वहां से पलाश होटल वाले नाले से जोड़ा जाएगा। ऐसे में रंगमहल चौराहा से जीटीबी कॉम्प्लेक्स समेत 45 बंगला क्षेत्र की सड़क व बंगलों को हटाना होगा। ये खर्चीली और कठिन कवायद है।
सरकारी आवासों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। नाले को दबाने जैसी कोई बात नहीं है। निरीक्षण हुए हैं और इसे डायवर्ट किया जा सकता है। प्लान तैयार है।
ओपी भारद्वाज, प्रभारी इंजीनियर स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन