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भोपाल

लंदन से वोट डालने आईं स्मृति, अपनों को जिताने के लिए जेनेवा, मलेशिया का छोड़ दिया काम-धाम

चुनावों में लोगों की जबर्दस्त दिलचस्पी
 

भोपालJul 06, 2022 / 04:35 pm

deepak deewan

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चुनावों में लोगों की जबर्दस्त दिलचस्पी

भोपाल. मध्यप्रदेश के इस बार के नगरीय निकाय चुनाव में कई दिलचस्प बातें सामने आ रहीं हैं। चुनावों में अब न केवल युवा महिलाएं रुचि ले रहीं हैं बल्कि बुजुर्ग और पूर्णत: घरेलू महिलाएं भी खुद को चौके—चूल्हे की सीमा से निकालकर अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं जाहिर करती नजर आईं। चुनावों में जहां वोटिंग के लिए लोगों में जबर्दस्त क्रेज दिखा वहीं चुनाव मैदान में उतरे अपने परिचितों—दोस्तों—रिश्तेदारों को जिताने के लिए भी खासा जज्बा नजर आया।

बुधवार को जब प्रदेश में नगरीय निकायों के लिए पहले चरण की वोटिंग शुरु हुई तो प्राय: हरेक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की कतार लगी दिखाई दी। मतदाताओं में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जबर्दस्त उत्साह दिख रहा था। मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कुछ ऐसा ही जज्बा लिए जबलपुर की स्मृति निरालिया लंदन से यहां आ गईं। 25 साल की स्मृति अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए इतनी कमिटेड थीं कि इसके लिए उन्होंने लंदन से यहां तक आने में ही हवाई किराए में ही लाखों रुपए खर्च कर दिए। स्मृति निरालिया जबलपुर में तीन पत्ती इलाके के पास रहतीं हैं। नगरीय निकाय चुनाव में अपना वोट देकर पसंदीदा पार्षद और मेयर बनवाने के लिए 7 हजार किलोमीटर का सफर तय कर स्मृति जबलपुर आईं हैं। वे ईस्ट लंदन में ऑडिटर के पद पर कार्य कर रहीं हैं। स्मृति मंगलवार को रात में ही भारत आईं और सुबह जबलपुर के सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड के मतदान केंद्र पर जाकर उन्होंने अपना वोट डाला। वे अपने पूरे परिवार के साथ मतदान केंद्र गईं और मताधिकार का प्रयोग किया।

स्मृति ने जहां मताधिकार के लिए जज्बा दिखाया वहीं इंदौर में चुनाव मैदान में उतरे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के लिए प्रचार करने लोग विदेशों तक से आ गए। चुनाव में बतौर प्रत्याशी खड़े हुए अपने मित्रों, रिश्तेदार के लिए इन लोगों ने नौकरी, पढ़ाई, बिजनेस छोड दिया और इंदौर में ही डेरा डाल दिया था। इनमें से कुछ लोग तो मलेशिया और जिनेवा से आए थे जबकि कुछ लोग देहरादून, अहमदाबाद आदि जगहों से इंदौर आए। भाजपा के महापौर पद के प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव के प्रचार के लिए मलेशिया से उनके मित्र जयदीप ओझा यहां कई दिन रहे. वे मलेशिया में आइटी कंपनी में कार्यरत हैं। इधर वार्ड 47 से कांग्रेस उम्मीदवार शिव घावरी की जिनेवा में पीएचडी कर रहीं बेटी रोहिणी घावरी पिता के प्रचार के लिए कई दिनों से इंदौर में ही हैं। वे पापा के लिए वार्ड के गली-मोहल्लों में घूम रही थीं।

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