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भोपाल

बेटे ने घर से निकाला, बेटी के यहां रह कर लड़ी हक की लड़ाई, एसडीएम ने वापस कराई दुकान और 3.40 लाख

भेल के रिटायर कर्मी ने इकलौता पुत्र होने के कारण घर कर दिया उसी के नाम

भोपालSep 27, 2020 / 01:13 am

Rohit verma

बेटे ने घर से निकाला, बेटी के यहां रह कर लड़ी हक की लड़ाई, एसडीएम ने वापस कराई दुकान और 3.40 लाख

बेटे ने घर से निकाला, बेटी के यहां रह कर लड़ी हक की लड़ाई, एसडीएम ने वापस कराई दुकान और 3.40 लाख

भोपाल. इकलौते पुत्र को बुढ़ापे का सहारा समझकर घर उसके नाम कर दिया। उसी बेटे ने पिता को घर से बेदखल कर न केवल घर बेच दिया, बल्कि जो दुकान पिता के नाम थी, उसमें भी ताले तोड़कर कब्जा कर लिया। करीब 25 से 26 माह तक बेटी दामाद के यहां रहकर बेटे के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
पुलिस में शिकायत की, एसडीएम गोविंदपुरा मनोज वर्मा के यहां मामला पहुंचा, तो पेशियों में बेटे को समझाइश दी गई, तब कहीं जाकर पुत्र ने पिता को उनकी दुकान और व्यापार करने के लिए दिए गए तीन लाख चालीस हजार रुपए लौटाए। भेल से सीनियर आर्टीजन के पद से रिटायर्ड हुए त्रिलोचन सिंह ने अपने आवेदन में बताया कि इस समय उनकी उम्र 78 साल है।
1999 में भेल से रिटायर्ड होने के बाद, उन्हें जो फंड मिला था, उससे मीनाल में एक घर और ज्योति कॉम्पलेक्स में एक दुकान खरीदी थी। एक ही पुत्र होने के कारण घर उन्होंने पुत्र के नाम पर कर दिया। बेटे ने उस मकान को बिना बताए बेच दिया, दुकान जो कि त्रिलोचन सिंह के नाम पर है, उस पर भी अपना हक जमाते हुए ताले तोड़कर अपने ताले डालकर कब्जा कर लिया। विरोध करने पर 20 अगस्त 2018 को बेटे ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद से बेटी और दामाद के यहां आसरा लिए हुए हैं। उनके पास अपने भरण-पोषण का एक मात्र सहारा दुकान ही बची है।
31 जनवरी 2020 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के यहां शिकायत की और प्रशासन को भी शिकायत भेजी। इसके बाद एसडीएम मनोज वर्मा ने पुत्र गुरुचरण सिंह को बुलाकर समझाइश दी। कई बार उसे भरण-पोषण एक्ट का डर भी दिखाया। इसके बाद बुजुर्ग त्रिलोचन सिंह को दुकान और उनके द्वारा व्यापार करने के लिए दिए तीन लाख चालीस हजार रुपए रुपए लौटाए। भेल से सीनियर आर्टीजन के पद से रिटायर्ड हुए त्रिलोचन सिंह ने अपने आवेदन में बताया कि इस समय उनकी उम्र 78 साल है।

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