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भोपाल

औबेदुल्लागंज: खेल मैदान, लाल बसें, स्वास्थ्य और शिक्षा मुख्य मांगें

जनता ने चुने कई दिग्गज सांसद, पर सुविधाओं में रह गया पीछे

भोपालMay 11, 2019 / 11:01 am

jitendra yadav

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औबेदुल्लागंज: खेल मैदान, लाल बसें, स्वास्थ्य और शिक्षा मुख्य मांगें

भोपाल/औबेदुल्लागंज. विदिशा संसदीय क्षेत्र में आने वाले औबेदुल्लागंज ने कई दिग्गज सांसदों को वोट देकर दिल्ली लोक सभा मेें भेजा, ताकि नगर का समुचित विकास हो सकें, लेकिन किसी ने भी क्षेत्र की हाट-बाजार, खेल मैदान, सिटी बसें, रेलवे स्टेशन के अपग्रेट, स्वस्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया। यह क्षेत्र आज भी विकास की दौड़ में काफी पिछड़ा है।

स्वास्थ्य में पिछड़ा क्षेत्र
अस्पताल को अपग्रेड तो किया, लेकिन डॉक्टर व स्टाफ नहीं बढ़ाए गए। अस्पताल में एक्सरे मशीन ६० साल पुरानी है। ब्लड टेस्ट के लिए मशीनें नहीं हैं। गौहरगंज में दो करोड़ की बिल्डिंग बना दी, लेकिन यहां कोई डॉक्टर ही नहीं मिलता। क्षेत्र की जनता भोपाल इलाज कराने को मजबूर है।

एक दशक से लाल बसों की मांग
छा त्रा प्रीति कहती हैं कि हम चुनाव में वोट करते हैं और भरोसा रहता है कि प्रतिनिधि उनकी समस्याएं हल करेंगे, लेकिन जीतने के बाद कोई क्षेत्र सहित हम स्टूडेंट्स की समस्याओं पर ध्यान नहीं देता। छात्राओं का कहना है कि भोपाल कॉलेज जाते समय मिनी बस में परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र की छात्राएं एक दशक से भोपाल से वर्धमान नयापुरा तक चलनी वाली बसों को औबेदुल्लागंज तक बढ़ाने की मांग कर रही हैं।

हाट-बाजार में नहीं दिखाई रुचि
हा ट-बाजार में सब्जी लेने करीब 50 गांव के ग्रामीण आते हैं। बारिश में हाट-बाजार में कीचड़ होने से परेशानी होती है। लोगों को कीचड़ से गुजरकर सब्जी लेना पड़ता है। यह समस्या लगभग २५ साल पुरानी है और क्षेत्र की जनता हर साल बारिश में समस्या हल करने के लिए जनप्रतिनिधियों से मांग करती है, लेकिन आज तक किसी सांसद ने इस समस्या हल करने पर रुचि नहीं दिखाई।

पर्यटन की ओर नहीं है ध्यान
क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध भीमबैठका, रातापानी अभ्यारण, गिन्नौरगढ़ किला, युद्धबंधी शिविर, भोजपुर शिव मंदिर आदि आते हैं। कोई भी सांसद आज तक विश्व प्रसिद्ध भीमबैठका नहीं पहुंचा। सांसदों ने रातापानी अभ्यारण्य के बाघों व वन्यजीवों को बचाने के लिए दिल्ली में आवाज तक नहीं उठाई, न ही पर्यटन को बढ़ाने के लिए कोई योजना बनाई। जनता चाहती है कि क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं बढ़े, ताकि क्षेत्र को प्रसिद्धी मिली और लोगों को रोजगार।

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, लेकिन मैदान नहीं
नगर के बेसवॉल व अन्य खेलों के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे हैं, लेकिन इन खिलाडिय़ों के अभ्यास के लिए नगर में खेल मैदान भी नहीं है। कलेक्टर ने पांच साल पहले दशहरा मैदान के पीछे पांच एकड़ जमीन खेल मैदान के लिए आवंटित की थी, लेकिन इस उबड़-खाबड़ जमीन को दुरूस्त कराने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अर्जुन नगर निवासी खिलाड़ी महेश बताते हैं कि यदि खिलाडिय़ों को अभ्यास के लिए खेल मैदान मिल जाए, तो क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जनप्रतिनिधि इस पर जरूर ध्यान दें।

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