दिग्विजय के इस बयान को इसलिए भी गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात कर पीसीसी अध्यक्ष के बारे में चर्चा की। कमलनाथ ने फिर कहा कि उन पर दो जिम्मेदारियां हैं इसलिए अध्यक्ष पद का जिम्मा किसी और को दे दिया जाए ताकि वे पूरा वक्त सरकार चलाने में दे सकें।
आने वाले समय में दो उपचुनाव, नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव आने वाले हैं। ये चुनाव सरकार के कामकाज का लिटमस टेस्ट माने जा रहे हैं इसलिए सरकार को अपनी योजनाओं की गति और तेज करनी होगी। वहीं संगठन को सक्रिय करने के लिए अध्यक्ष को पूरे तौर पर कार्यकर्ताओं के साथ इन चुनावों पर फोकस करना होगा। इसीलिए संगठन में नए अध्यक्ष की चर्चा फिर से तेज हेा गई है। समन्वय समिति की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई है।
बावरिया बनाएंगे आम राय :
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष के लिए सभी बड़े नेताओं समेत मंत्रियों की भी एक राय बनाने की जवाबदेही पूरी करेंगे। बावरिया संभवत: 23-24 फरवरी को भोपाल आकर मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा टलने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि बड़े नेताओं की अध्यक्ष के लिए एक राय नहीं बन पा रही है।
बावरिया बनाएंगे आम राय :
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष के लिए सभी बड़े नेताओं समेत मंत्रियों की भी एक राय बनाने की जवाबदेही पूरी करेंगे। बावरिया संभवत: 23-24 फरवरी को भोपाल आकर मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा टलने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि बड़े नेताओं की अध्यक्ष के लिए एक राय नहीं बन पा रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ की पसंद को ध्यान में रखते हुए अब अध्यक्ष की घोषणा करने की तैयारी की जा रही है। संगठन को सक्रिय करने का जिम्मा भी बावरिया ने उठाया है। बावरिया प्रभारी मंत्रियों से भी बात कर कार्यकर्ताओं की शिकायत दूर करने जिम्मेदारी सौंपेंगे। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया की नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाई जाएगी।
अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े पर नजर :
कांग्रेस नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या पिछड़ा वर्ग को जिम्मेदारी सौंपना चाहती है। जातिगत समीकरण साधने के लिए ये नया समीकरण तैयार किया जा रहा है। इस वर्ग के किसी मंत्री को भी जवाबदारी सौंपी जा सकती है।
अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े पर नजर :
कांग्रेस नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या पिछड़ा वर्ग को जिम्मेदारी सौंपना चाहती है। जातिगत समीकरण साधने के लिए ये नया समीकरण तैयार किया जा रहा है। इस वर्ग के किसी मंत्री को भी जवाबदारी सौंपी जा सकती है।
वहीं सिंधिया खेमा चाहता है कि ज्योतिरादित्य जैसा युवा और लोकप्रिय चेहरा पीसीसी का अध्यक्ष बनें ताकि सुस्त संगठन रफ्तार पकड़ सके। अध्यक्ष का पद का फैसला सोनिया गांधी करेंगी लेकिन उसमें ये ध्यान जरुर रखा जाएगा कि वो सरकार के साथ समन्वय से काम करे, इसलिए मुख्यमंत्री की राय को ज्यादा तवज्जो मिल सकती है।
सड़क पर उतरने का काम विपक्ष का : गोविंद सिंह
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर कांग्रेस में घमसान शुरु हो गया है। सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने मीडिया से चर्चा में सिंधिया के बयान पर कहा कि सड़क पर उतरने का काम तो विपक्ष का होता है। सिंधिया को यदि कोई परेशानी है तो वे मुख्यमंत्री या पार्टी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करें।
सड़क पर उतरने का काम विपक्ष का : गोविंद सिंह
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर कांग्रेस में घमसान शुरु हो गया है। सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने मीडिया से चर्चा में सिंधिया के बयान पर कहा कि सड़क पर उतरने का काम तो विपक्ष का होता है। सिंधिया को यदि कोई परेशानी है तो वे मुख्यमंत्री या पार्टी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करें।
गोविंद सिंह ने कहा कि सिंधिया बहुत ज्ञानी और विद्वान हैं, उनके ज्ञान का उपयोग प्रदेश के विकास में होना चाहिए। वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा कि सरकार के सभी मंत्री वचन पत्र पूरा कर रहे हैं तो सिंधिया को सड़क पर उतरने की जरुरत ही नहीं है।