170 संगठन सक्रिय
इंटेलिजेंस की रिपोर्ट पर सरकार ने सभी जिलों के एसपी के साथ पीएचक्यू को अलर्ट कर दिया है। इंटेलिजेंस ने रिपोर्ट तैयार कर यह पता करने के लिए भी कहा कि आंदोलन हिंसक न हो, इसे रोकने के लिए क्या किया जाए। प्रदेश इंटेलिजेंस की माने तो आंदोलन में प्रदेश में 10 किसान संगठनों सहित देश के 170 संगठनों के सक्रिय होने के इनपुट हैं। मई के आखिर में बड़े अफसर मंदसौर जाकर हालात परखेंगे और डीजीपी को रिपोर्ट सौंपेंगे। फिलहाल सभी एसडीओपी को रोज दो घंटे मंडियों में बिताने को भी कहा गया है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने भी किया सचेत
केंद्र सरकार की तरफ से आईबी ने मप्र इंटेलिजेंस और सरकार को अलर्ट रहने के लिए कहा है। इंटेलिजेंस सोशल मीडिया की भी निगरानी कर रहा है। अंदोलन के लिए सक्रिय नेता किस पार्टी से जुड़़े हैं, उसका डेटा भी तैयार किया जा रहा है।
मिल रही सूचना के आधार पर रोडमैप तैयार कर निगरानी की जा रही है। कुछ संवेदनशील जिलों को चिह्नित किया गया है।
-मकरंद देउस्कर, आईजी इंटेलीजेंस
जिन्होंने पहले षड्यंत्र किया था, वो ही आंदोलन की बात कर रहे हैं। किसान आंदोलन सिर्फ सोशल साइट्स और पैम्फलेट पर है। किसानों के बीच कोई आंदोलन नहीं है।
-भूपेंद्र सिंह, गृह मंत्री
सभी मंडी, खरीदी केंद्रों पर प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
इधर कांग्रेस प्रदेश की सभी मंडियों और खरीदी केंद्रों पर प्रदर्शन करेगी। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने इस संबंध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि किसानों की फसल खरीदने और तुलाई में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो अपने क्षेत्रों की मंडियों और खरीदी केंद्रों पर पहुंचें, किसानों के साथ खड़े होकर चर्चा करें, उनकी समस्याओं को जानें, उनका साथ दें। राहुल गांधी के मंदसौर दौरे पर कमलनाथ ने कहा कि नियमों की आड़ में सरकार राहुल गांधी और किसानों की आवाज दबाना चाहती है, कांग्रेस भी आने वाले समय में भाजपा के आयोजनों का विरोध करेगी।