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भोपाल

राजनीति शुद्धिकरण के लिए सक्षम संस्थाओं को उठाने होंगे कड़े कदम

पत्रिका कार्यालय में आयोजित परिचर्चा में प्रबुद्धजनों ने रखे विचार

भोपालApr 09, 2018 / 11:10 am

Rohit verma

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भोपाल. देश की राजनीति के प्रति लोगों में फैल रहे अविश्वास, बढ़ते भ्रष्टाचार और प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर हावी होती राजनीति को नियंत्रित करने देश की सक्षम संस्थाओं को कड़े कदम उठाने होंगे। राजनीतिक शुद्धीकरण, उसकी शुचिता को बचाने चुनाव आयोग, न्यायालय जैसी संस्थाओं को आगे आकर युवा पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त करना होगा।

राजनीति में धनबल, बाहुबल के बढऩे से अच्छे और सेवाभावी लोगों की कमी आई है। राजनीति में लोग अब धन कमाने और पावर पाने के लिए आ रहे हैं। सेवाभाव जैसी भावनाएं खत्म होती जा रही हैं। जो राजनीतिक दलों के नेताओं में निरंकुशता और भ्रष्टाचार के रूप में सामने आ रहा है। रविवार को पत्रिका कार्यालय में आयोजित टॉक शो में शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने यह बात कही।

नैतिक मूल्यों का अवमूल्यन हुआ है। जरूरी है कि पुन: उच्च मूल्य स्थापित किए जाएं। शिक्षित लोग ही इसे स्थापित कर सक ते हैं। राजनीति में भी इसके लिए मानक तय करने होंगे।
डॉ शशांक शेखर ठाकुर, वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र बीयू

प्रजातंत्र में व्यक्ति व दलीय व्यवस्था होती है। एेसे में सबसे पहले व्यक्ति में सुधार जरूरी है। प्रजातंत्र में राजनीति सेवा का अंतिम व एकमात्र उपाय है इसे जगाए बिना सुधार संभव नही है।
डॉ. एके नायक, सह प्राध्यापक राजनीति शास्त्र

 

अच्छे राजनेताओं के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल लीडरशिप जैसी संस्थाओं की स्थापना करना चाहिए, जिससे हमें अच्छे लोग मिलें। परिवारवाद, वंशवाद को समाप्त किया जा सके।
डॉ. प्रभात पाण्डेय, अध्यक्ष मध्य प्रदेश पुस्तकालय संघ

भारत का युवा दिशाहीन हो गया है। राजनेताओं को चाहिए कि संविधान के नियमों का पालन कर उदाहरण पेश करें, ताकि राजनीति में आने वाली युवा पीढ़ी उसका अनुसरण कर सके।
आशुतोष पाण्डेय, महामंत्री शिक्षक कांग्रेस
राजनीति में एजुकेटेड लोगों को आगे आना होगा, केवल लिटरेट लोगों से काम नहीं चलेगा। प्रबुद्ध व अच्छे लोगों को अपर हाउस से एंट्री देनी चाहिए। राज्यसभा, विधान परिषद आदि में गैर दलीय आधार पर अच्छे लोगों का चयन किया जाए।
डॉ आनंद शर्मा, प्रांतीय महासचिव प्राध्यापक संघ
नौकरी की तरह राजनीति में आने वाले युवाओं का भी कैंपस सिलेक्शन होना चाहिए। इनमें देश सेवा, समाजसेवा, राष्ट्रभक्ति और इमानदारी जैसे गुणों का परीक्षण कर उनका चयन किया जाना चाहिए।
डॉ. प्रीति पचौरी, प्रोफेसर इकॉनोमिक्स, नूतन गल्र्स कॉलेज

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