इस मामले में खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुरैना, इंदौर, जबलपुर जिलों में शक्कर वितरण का काम शुरू हो गया है। बाकी जिलों में इसी माह से शक्कर वितरण का काम शुरू हो जाएगा। जबकि सूत्रों का कहना है कि जो शक्कर वितरित हो रही है, वह पुरानी है।
दरअसल राशन की दुकानों से वितरित होने वाली शक्कर को केन्द्र सरकार ने करीब एक साल पहले (मार्च 2017 के बाद) बंद कर दिया था। लेकिन मई 2018 में केन्द्र ने अंत्योदय परिवारों को शक्कर देने का निर्णय लिया।
इसके वितरण का जिम्मा राज्यों का होता है। केन्द्र सरकार इस पर प्रति किलो 18.50 रुपए की सब्सिडी देती है। यानी खुले बाजार में 40 रुपए किलो शक्कर मिल रही तो ऐसे परिवारों को 20 रुपए किलो में ही शक्कर उपलब्ध हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि चुनावी साल तथा त्योहारी सीजन के बावजूद मध्यप्रदेश में अंत्योदय परिवारों को शक्कर वितरण का काम शुरू नहीं हुआ है। इसके उलट पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में अंत्योदय परिवारों को शक्कर मिलना शुरू हो गया है। इतना ही नहीं वहां प्राथमिकता और गैर प्राथमिकता वाले परिवारों को भी रियायती दरों पर शक्कर उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार के निर्णय के अनुसार हिमाचल, जम्मू, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि राज्यों में भी शक्कर देने का काम शुरू हो गया है।
17 लाख परिवार है प्रदेश में अंत्योदय की श्रेणी में
1.17 करोड़ लोग है राशनकार्डधारी मध्यप्रदेश में
11,500 मेट्रिक टन शक्कर का कोटा है प्रतिमाह तीन जिलों में अंत्योदय परिवारों को शक्कर वितरित की जा रही है, जबकि बाकी जिलों में इसी माह से वितरण शुरू हो जाएगा।
श्रीमन शुक्लासंचालक, खाद्य विभाग