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भोपाल

मध्यप्रदेश के किसानों के साथ हो गया ऐसा काम, पढ़ें पूरी खबर

– केन्द्र की मंजूरी न मिलने के कारण अटकी मूंग-उड़द की खरीदी

भोपालJul 16, 2019 / 11:10 pm

anil chaudhary

Symbolic Image of Farmer

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भोपाल. प्रदेश के तीन लाख किसान मूंग और उड़द की फसल बेचने के लिए परेशान हो रहे हैं। दरअसल, दलहन की खरीदी केन्द्र सरकार करती है और राज्य सरकार किसानों को दलहन बेचने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराती है। 15 जून को खेतों से मूंग और उड़द की फसल बाहर आ चुकी है। किसान को चिंता है कि यदि बारिश में मूंग और उड़द भीग गई तो वह बेकार हो जाएगी।
केन्द्र की ओर से खरीदी करने वाले नेफेड का कहना है कि अभी तक उन्हें दलहन खरीदी करने का संचालक मंडल से कोई आदेश नहीं मिला है। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हम केन्द्र को दो बार दलहन उत्पादन का आंकड़ा भेज चुके हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है। पिछले वर्ष उड़द और मूंग की खरीदी भावांतर में की गई थी। इस बार राज्य सरकार ने खरीदी और भंडारण के लिए पहले से तैयारी नहीं की है। बारिश में इसे खरीदा जाता है तो गोदामों तक लाने में दिक्कत होगी। सरकार के पास खाली गोदाम भी नहीं हैं, ओपन कैप में मंूग और उड़द को नहीं रखा जा सकता है। सरकार ने जिन गोदामों को किराया पर ले रखा है, उसमें धान और गेहूं भरा हुआ है। सूत्रों के अनुसार इस वर्ष इसे खरीदी करने के संबंध में प्रदेश सरकार से प्रस्ताव देरी से भेजा गया है।
– कम हो रही किसानों की रुचि
किसानों को उड़द और मूंग का उचित दाम नहीं मिलने से दलहन उत्पादन करने वाले किसानों की रुचि कम होती जा रही है। यही वजह है कि लगातार दलहन की बोवनी का रकबा घटने से इसके उत्पादन में करीब 15 फीसदी की कमी आई है। वर्ष 2018 में उड़द 1789 हजार हेक्टेयर था, लेकिन और 2019 में घटकर 1652 हेक्टेयर हो गया है। इसी तरह से वर्ष 2018 में मूंग 228 हजार हेक्टेयर था, जो 2019 में घटकर 191 हेक्टेयर हो गया है।
सरकार की तरफ से मूंग-उड़द की खरीदी के संबंध में कोई स्वीकृति नहीं मिली है। स्वीकृति मिलने के बाद खरीदी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
– अभिषेक कुमार, शाखा प्रबंधक, नेफेड

ग्रीष्मकालीन मूंग-उड़द खरीदी के संबंध में भारत सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। सरकार की स्वीकृति मिलते ही खरीदी शुरू कर दी जाएगी।
– अजीत केसरी, प्रमुख सचिव, कृषि एवं सहकारिता विभाग

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