दो अलग विचारधारओं में संघर्ष की कहानी है ‘अंबेडकर और गांधी’
भोपाल। कसौटी बैले एंड परफॉर्मिंग आर्ट की ओर से नाटक ‘अंबेडकर और गांधी’ का मंचन एलबीटी परिसर में किया गया। इसके लेखक राजेश कुमार और डायरेक्टर सुनील राज है। नाटक दो ऐसे विचारों के संघर्ष का दस्तावेज है, जो अलग-अलग विचारधाराओं व मानसिकता को तो दर्शाता है किंतु दोनों के लक्ष्य एक ही हैं। नाटक में दिखाया गया कि अंबेडकर अछूतों को राजनीतिक संरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने की मांग गोल मेज कॉफ्रेंस में रखने के लिए गांधीजी से कहते हैं परंतु गांधीजी यह कहते हुए इंकार कर देते हैं कि इससे हिंदुओं का विभाजन होगा और हर गांव छूत-अछूत में बट जाएगा। यहीं से दोनों में वैचारिक मतभेद शुरू हो जाते है। गांधीजी की हत्या पर अंबेडकर कहते हैं कि किसी के विचारों से असहमत होने का यह मतलब यह नहीं है कि उनकी हत्या कर दी जाए।