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भोपाल

सूरत कोचिंग हादसे से MP ने लिया सबक, जांच शुरू, रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

एमपी नगर में सूरत से भी बदतर हालात, किसी भी बिल्डिंग में नहीं मिली फायर एनओसीकमिश्नर ने 30 मई तक और दिया जांच के लिए समय

भोपालMay 29, 2019 / 08:20 am

KRISHNAKANT SHUKLA

COCHINGH

सूरत कोचिंग हादसे से MP ने लिया सबक, जांच शुरू, रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

भोपाल. सूरत की घटना के बाद जिला प्रशासन की ओर से कराई गई कोचिंग संस्थानों की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एमपी नगर की किसी भी बिल्डिंग में फायर एनओसी नहीं मिली। तीन माले की बिल्डिंग में चार से पांच कोचिंग चलती हैं, इनमें करीब तीन सौ बच्चे एक शिफ्ट में पढ़ते हैं, लेकिन आने- जाने के लिए मात्र तीन फीट का संकरा रास्ता है जो सीढिय़ों से हेाकर जाता है।

आग बुझाने के उपकरण ज्यादातर कोचिंग में नहीं हैं। किसी में लगे भी हैं, तो उनकी डेट निकल चुकी है। यदि हालात बिगड़े तो सूरत से भी ज्यादा खतरनाक स्थिति होगी।जांच के लिए गठित चार टीमों में से तीन ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को कलेक्टर को सौंप दी। वहीं एसडीएम एमपी नगर ने समय मांगा है।

संयुक्त कलेक्टर सुनील नायर ने एमपी नगर जोन-2 की 25 कोचिंग की जांच की। इसमें उन्हें तीन को छोडकऱ किसी में व्यवस्था नहीं मिली। फायर ऑडिट तो दूर कभी किसी ने एनओसी तक के लिए आवेदन नहीं किया। इमरजेंसी गेट, ऊंची इमारत में इमरजेंसी सीढिय़ां नहीं हैं।

सिर्फ आगे के संकरे रास्ते से ही छात्र-छात्राओं का आना जाना होता है। वायरिंग खुली पड़ी है, कमरों में तार झूल रहे हैं। एसी के लोड से निकली एक चिंगारी कभी भी बड़ा हादसा कर सकती है। हवा के इंतजाम नहीं हैं, उमस और सीलन भरे कमरे में छात्र रहते हैं।

रिपोर्ट में ये दिए हैं सुझाव

करोंद, बैरागढ़, छोला, अशोका गार्डन में घनी आबादी के बीच कोचिंग

एसडीएम गोविंदपुरा मनोज उपाध्याय की टीम ने करोंद, बैरागढ़, छोला, अशोका गार्डन की करीब 40 कोचिंग संस्थानों की जांच की। यहां भी छोटे-छोटे कमरों में चलाई जा रहीं हैं। किसी में भी आग बुझाने के उपकरण नहीं हैं। अशोक गार्डन में घने क्षेत्र में कोचिंग संचालित की जा रही हैं। रास्ते इतने संकरे हैं कि भगदड़ की स्थिति में विद्यार्थी निकल ही नहीं सकते। इमरजेंसी नंबरों की लिस्ट तक किसी ने चस्पा नहीं की है।

कोचिंग में एक मात्र गेट, उसके पास लगा है ट्रांसफार्मर

डिप्टी कलेक्टर शाश्वत मीना की टीम ने इंद्रपुरी, अवधपुरी, रायसेन रोड की 40 से ज्यादा कोचिंग और हॉस्टलों की जांच की है। इनमें सबसे बड़ी खामी ये मिली है कि ज्यादातर कोचिंग के मुख्य गेट पर ही बिजली के प्वाइंट खुले पड़े हैं व मीटर लगे हैं। सोनगिरी में तो गेट के पास ही ट्रांसफार्मर लगा है, एक चिंगारी निकलने पर ही छात्र अंदर फंस सकते हैं। ये सबसे खतरनाक प्वाइंट माना गया है। बाकी में आग बुझाने के उपकरण, इमरजेंसी गेट जैसी कॉमन कमियां पाईं गई हैं।

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