scriptसर्वेक्षण टीम के लौटते ही मॉनिटरिंग हुई बंद, पुराने ढर्रे पर शहर में सफाई व्यवस्था | swachhata | Patrika News
भोपाल

सर्वेक्षण टीम के लौटते ही मॉनिटरिंग हुई बंद, पुराने ढर्रे पर शहर में सफाई व्यवस्था

सुबह 7 बजे से जिन अफसरों को निगरानी करनी है, वे नहीं निकल रहे घर से, जमीनी अमले के भरोसे छोड़ा सफाई का काम

भोपालFeb 04, 2019 / 01:55 am

Ram kailash napit

news

swachhata

भोपाल. रविवार सुबह 11 बजे का दृश्य… होशंगाबाद रोड बीआरटीएस सर्विस लेन पर छोटी गाड़ी से बड़ी में कचरा ट्रांसफर किया जा रहा था। पौन घंटे तक सिलसिला चला। लोग बदबू और फैल रही गंदगी से परेशान नजर आए। ये तस्वीर तब है जब शहर में दस गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन होने का दावा किया जाता रहा है। 31 जनवरी को केंद्र की 7 स्टार रेटिंग टीम का निरीक्षण खत्म होने के बाद अब निगम की लापरवाही आम है। सुबह 7 बजे से तीन घंटे तक जिन अफसरों को निगरानी करनी है, वे फरवरी में एक दिन भी घर से नहीं निकले। सफाई का जिम्मा कामगारों, दरोगाओं और सेनेटरी सुपरवाइजर्स के भरोसे छोड़ दिया गया है। कुल मिलाकर शहर की सफाई केंद्रीय टीम का निरीक्षण खत्म होते ही अपने पुराने ढर्रे पर लौट आई है।

बाजार हों या रिहायशी इलाके सफाई हुई बंद
न्यू मार्केट, रविशंकर मार्केट, बिट्टन मार्केट में दो दिन से रात्रिकालीन सफाई नहीं हुई है। व्यापारियों का कहना है कि पहले रोजाना सफाई और धुलाई हो रही थी। स्वच्छता सर्वेक्षण में रात्रिकालीन सफाई के अलग अंक हैं। आवासीय क्षेत्रों में दो से तीन दिन पहले तक सुबह और दोपहर में झाडू लगाने वाले सफाई कामगार भी नहीं आ रहे हैं। आवासीय क्षेत्रों में दिन में दो बार सफाई अनिवार्य है, लेकिन ये फिलहाल ठप हो गई है।

कचरा कलेक्शन जारी है : डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन 2013 से हो रहा है, जिसे 2015 में वार्डों तक किया गया। शहर के स्लम एरिया समेत अंदरूनी 550 क्षेत्रों को छोड़ दें तो बाकी में यह काम सर्वेक्षण खत्म होने के बाद भी पहले की तरह जारी है।
कमजोर पड़ गई निगम की पक्की व्यवस्था
10 कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाकर गाड़ी से गाड़ी में कचरा ट्रांसफर करने पक्के निर्माण हुए, लेकिन ये फिलहाल कारगर नहीं।
स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने 150 क्षेत्रों में स्मार्ट डस्टबिन लगवाए। इनके भरने पर अलार्म बजते ही खाली करने हुकलोडर आना था। कई जगह इनके ढक्कन ही बंद नहीं हो रहे।
यादगारे शाहजहांनी पार्क में बायोकंपोस्ट सेंटर बनाया था। इससे दीनदयाल रसोई को रसोई गैस देना थी। गीला कचरा लाने वालों को खाद बनाकर देनी थी, योजना लागू नहीं हो पाई।
घर पर ही गीले कचरे से कंपोस्ट बनाने कंपोस्ट यूनिट बांटे गए, लेकिन ये बेकाम साबित हो रहे हैं। लोग इन्हें डस्टबिन की तरह उपयोग कर रहे।
सफाई रोजाना का काम है और ये बखूबी चल रहा है। निगम का सफाई अमला इसके लिए काम पर लगा हुआ है। यदि कोई शिकायत पहुंच रही है तो हम उसे भी प्राथमिकता से दिखवा रहे हैं।
अभिजीत अग्रवाल, प्रभारी निगमायुक्त

Home / Bhopal / सर्वेक्षण टीम के लौटते ही मॉनिटरिंग हुई बंद, पुराने ढर्रे पर शहर में सफाई व्यवस्था

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो