यहां स्वाइन फ्लू के 10 बिस्तर वाले वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं था। कर्मचारी ने बताया कि वार्ड में वेंटिलेटर नहीं है। अस्पताल में एक ही वेंटिलेटर है जो आइसीयू में है। ऐसे में रोजाना आने वाले चार से पांच मरीजों को तत्काल हमीदिया अस्पताल रैफर कर दिया जाता है।
हमीदिया अस्पताल
यहां कमला नेहरू अस्पताल में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए आइसोलेटेड वार्ड में दो बिस्तर हैं। नर्स ने बताया कि डॉक्टर नहीं रहते इसलिए मरीजों को नहीं रखते। स्वाइन फ्लू के साधारण मरीजों को मेडिकल टू वार्ड में रखते हैं क्योंकि वहां वेंटिलेटर और डॉक्टर हैं।
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आदर्श वायपेयी बताते हैं कि स्वाइन फ्लू लाइलाज बीमारी नहीं है। थोड़ा सा ऐहतियात बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इसके लक्षणों में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आम है। सांस लेने में तकलीफ , नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है।
खांसते-झींकते समय टिशू पेपर से कवर रखें, फिर नष्ट कर दें।
बाहर से आकर हाथों को साबुन से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो मास्क पहनें, घर में ही रहें।
स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से हाथ मिलाने से बचें, बार-बार हाथ धोएं।
मरीजों का ख्याल रखा जाता है। उन्हें मेडिकल वार्ड 2 में भर्ती किया है। हमीदिया अस्पताल में स्वाइन फ्लू के गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है। निजी अस्पताल भी मरीजों को भेजते हैं।
डॉ. एके श्रीवास्तव, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल
सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। मैं खुद अस्पतालों का निरीक्षण करता हूं। कहीं कोई कमी पाई जाती है तो उसे नोटिस जारी कर दूर करने को कहते हैं।
डॉ. एनयू खान, सीएमएचओ भोपाल
वर्ष – संदिग्ध – पॉजीटिव – मौत
2009 – 78 -08 -00
2010 – 619 -139 -39
2011 – 79 -03 -01
2012 – 408 -66 -12
2013 – 344 -35 -09
2014 – 60 -07 -04
2015 – 2200-752 -78
2016 – 591 -82 -12
2017 – 685 -171 -31
2018 -254- 35 – 03
2019 – 564 – 72 – 11