अगर बात करें देशभर की तो यहां अब तक 4500 से ज्यादा मरीज़ों में स्वाइन फ्लू की पुष्टी हो चुकी है। इनमें से 169 लोगों की मुत्यु भी हो चुकी है। ये बीमारी काफी तेज़ी से देशभर में अपने पांव पसार रही है। हालांकि, अगर समय रहते कुछ एहतियात कर लिये जाएं तो, इस जानलेवा बीमारी से बचाव किया जा सकता है। इसी के चलते हम आपको कुछ ऐसे कारगर नुस्खे बता रहे हैं, जिससे स्वाइन फ्लू ही नहीं बल्कि किसी भी वायरल इन्फेक्शन बचने में काफी मदद मिलेगी। आप इस महत्वपूर्ण जानकारी को पढ़कर खुद तो अपना बचाव करें ही। साथ ही, अपने संपर्क के सभी लोगों को भी ये खबर पढ़ाएं। हो सकता है कि, आपका एक शेयर किसी की जान बचा ले। आइये जानते हैं कुछ कारगर घरेलू नुस्खों के बारे में…।
-लहसुन
रोज सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां गुनगुने पानी के साथ पीने से भी शरीर को तमाम संक्रमण दूर होते हैं। साथ ही शरीर की इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है, जो किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने में मददगार होती है।
-हल्दी-नमक के गरारे
स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए हल्दी और नमक उबालकर गुनगुने पानी से गरारे करना बेहद लाभकारी होता है। अगर किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू की पुष्टी हो जाए तो, वह जितना हो सके गर्म पानी से अपने हाथ पैर धोए। साथ ही साफ सफाई का ज्यादा ध्यान रखे।
-गिलोय
गिलोय प्रकृति में पाई जाने वाला एक पौधा है जो बेल के रूप में पाया जाता है। इसकी शाखा या तने को पांच तुलसी पत्रों के साथ एक गिलास पानी में 15 से 20 तक उबालें। इस पानी को छानकर इसमें स्वादानुसार काली मिर्च, सेंधा नमक या मिश्री मिलाकर इस काढ़े को ठंडा करके पिएं। इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और रोगों का सामना करने की ताकत आएगी। अगर गिलोय पौधे के रूप में उपलब्ध नहीं है तो कई आयुर्वेदिक कंपनियां गिलोय का पाउडर या गोलियां बेचती हैं उनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
-तुलसी खाएं
रोजाना तुलसी के पत्ते पानी से धोकर खाने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है और आपके फेफड़े और गला हर तरह के संक्रमण से दूर रहते हैं।
-हल्दी वाला दूध
जिन लोगों को दूध से एलर्जी नहीं है वे रोज रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म या गुनगुने दूध में एक चुटकी हल्दी पाउडर डालकर पिएं।
-प्राणायाम
प्राणायाम या ब्रीदिंग एक्सर्साइज नियमित रूप से करने से श्वसन तंत्र मजबूत रहता है और फ्लू से जुड़ा कोई भी संक्रमण नहीं होता।
-आंवला
आंवला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। ये शरीर का प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने के साथ स्वाइन फ्लू के खतरे को कम करता है। अगर आंवले का मौसम नहीं है तो इसका चूर्ण या रस भी लिया जा सकता है।
-इन चीजों से रहे दूर
ठंडी और कफ उत्पन्न करने वाली चीजों से दूर रहें। खासतौर पर रोगियों को दही, शीतलपेय, फ्रिज में रखा बासी भोजन, आईसक्रीम जैसे कफ उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
स्वाइन फ्लू के सिमटम्स
अगर किसी व्यकित को लंबे समय से खासी या जुकाम की शिकायत है। सर में दर्द बना रहता है, जिसकी दवा खाने पर भी ठीक नहीं हो रहा। हाथ पेरों में दक्द और थोड़ा सा भी चलने पर थकान होने लगी है। नींद ना आना और लेटने पर घबराहट होती है, तो उसे तुरंत चिकित्सक से परामर्श करके इसकी जांच कराने की ज़रूरत है। क्योंकि, ये सभी स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण है। ऐसे में अगर आप इन संकेतों को समझते हुए पीड़ित का उपचार शुरु करा देते हैं। तो किसी की जान बचाई जा सकती है।