नितेश साहू 7 जनवरी को दुबई से वापस भारत लौटा। मुंबई एयरपोर्ट पर ही 7 जनवरी को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सूचना के बाद करही पुलिस की टीम मुंबई पहुंची और आरोपी को करही लाई। कोर्ट में पेश कर तीन दिन का रिमांड लिया है, जहां आरोपी से पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि खरगोन एसपी ने वांटेड लिस्ट जारी कर सभी एयरपोर्ट पर नितेश के संबंध में सूचना जारी की थी।
मुंबई पुलिस के द्वारा सूचना मिलने के बाद खरगोन एसपी और बड़वाह एसडीओपी के निर्देशन में टीम मुंबई भेजी। एसआई सुदामा मोरे, एएसआई संजीव पाटिल, प्रधान आरक्षक मायाराम पाटिल, आरक्षक अभिषेक आरोपी को करही लाए। करही पुलिस इसके सहयोगी पुनीत नाड़ीवाल को 16 नवंबर 2019 को गिरफ्तार कर चुकी है, जो अभी जेल में है।
नीट कार टैक्सी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पुलिस को पहली शिकायत संजय ग्वालवंशी निवासी करही ने जुलाई-अगस्त 2019 में की थी। संजय ने बताया कि कंपनी में निवेश के लिए साहू को एक लाख दिए। वह एक लाख रुपये देने के बाद 12 महीने तक प्रतिमाह 12200 रुपये देने का प्रलोभन दे रहा था। इस तरह कुल 1.92 लाख रुपये लौटाने का लालच दिया। इससे बढ़ी रकम तो नहीं मिली, बल्कि मूल राशि भी हजम कर ली। संजय ने पुलिस को बताया कि साहू नौकरी लगाने का झांसा देकर बिना अनुमति के कंपनी में डायरेक्टर भी बना दिया। इसके बाद कंपनी बंद हो गई।
एएसपी खरगोन शशिकांत कनकने ने बताया कि नितेश साहू के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में चार थानों में केस दर्ज है। अभी तक 19 लोगों ने पुलिस में शिकायत की थी। एक करोड़ 25 लाख रुपये ऐंठने की बात अभी जांच में सामने आई है। पीड़ितों की संख्या ज्यादा है।
कंपनी की धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों ने जब एक-एक करते हुए संचालक नितेश के खिलाफ पुलिस में शिकायत करना शुरू की तो उसकी भनक लगने पर वह दुबई भाग गया। पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ करही सहित कसरावद, मेनगांव और गोगावां पुलिस थाने में धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज हैं। कसरावाद क्षेत्र में कृषि मंत्री सचिन यादव के रिश्तेदारों को भी आरोपी ने जाल में फंसाकर धोखाधड़ी की है।