भोपाल

Teacher Protest : हर जिले से अध्यापक पहुंचे यहां और शुरू हुआ सरकार का विरोध- देखें वीडियो

अध्यापकों के अनुसार 20 वर्षों से संघर्ष किए जाने के बावजूद शासन mp education department बार-बार अध्यापकों के साथ छल कर रहा है।

भोपालJan 21, 2018 / 02:31 pm

दीपेश तिवारी

भोपाल। अध्यापक महासंघ के आह्वान पर 21 जनवरी को भोपाल के शाहजहांनी पार्क में सुबह 11 बजे से संकल्प सभा शुरू हुई। यहां अध्यापक अपनी कई मांगों को लेकर जमा हुए हैं, इनमें शिक्षा विभाग में संविलियन, सातवां वेतनमान, बंधनमुक्त स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति, अनुकंपा नियुक्ति, नियमिति पेंशन और ग्रेजुएटी उनकी प्रमुख मांगें हैं।
अध्यापक संकल्प सभा और महापंचायत के संबंध में पदाधिकारियों ने बातचीत के दौरान बताया कि बार-बार अध्यापकों के साथ शासन छल teacher protest in bhopal कर रहा है। अध्यापक करीब 20 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। इसी के चलते विभिन्न जिलों से अध्यापक भोपाल आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन कर करा चुके हैं मुंडन:
इससे पहले भोपाल में आजाद अध्यापक संघ द्वारा शिक्षा विभाग में मांग न माने जाने के विरोध में महिला अध्यापकों द्वारा सिर मुंडन teacher protest कराया था। वहीं इसी माह अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान में मुंडन कराकर विरोध प्रदर्शन किया।
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इस दौरान अध्यापक संगठन के महिला और पुरूषों ने मुंडन कराकर शिक्षा विभाग में संविलयन की मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारे दिए। इधर, महिलाओं के मुंडन को लेकर बीजेपी प्रवक्ता राजो मालवीय ने अपने बयान में कहा कि महिलाओं को मुंडन कराना मर्यादा के खिलाफ है। महिलाओं को अपनी मांगे मर्यादा में रखनी चाहिए। अध्यापकों का कहना है कि सरकार उनके साथ दोहरा व्यवहार कर रही है।
ये हैं प्रमुख मांगे : शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए , विसंगत रहित छठवां वेतनमान समान एक सितंगर 2013 से प्रदान किया जाए , सातवां वेतनमान दिया जाए , 2005 के पूर्व नियुक्त अध्यापक संवर्ग को पुरानी पेंशन प्रणाली का लाभ प्रदान किया जाए। क्रमोन्नति में पदोन्नति का वेतन प्रदान किया जाए।
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अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों को शिथिल कर, चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति की पात्रता प्रदान की जाए। अध्यापक संवर्ग को बंधन रहित स्थानांतरण नीति प्रदान किया जाए। नवीन पेंशन प्रणाली अन्तर्गत 18 माह का अंशदान अभी तक जमा नहीं किया गया है तत्काल जमा किया जाए एवं अंशदान हर माह जमा करने की व्यवस्था की जाए। महिला अध्यापक को संतान पालन अवकाश प्रदान किया जाए। गुरुजी को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान किया जाए। राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया जाए।
सौंपा था ज्ञापन:
वहीं इससे पहले सीहोर में 11 सूत्रीय विभिन्न मांगों को लेकर अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। दरअसल अध्यापक संवर्ग विगत 18 सालों से विभिन्न समस्याओं से त्रस्त है। इस कारण अध्यापक संवर्ग में भारी आक्रोश है। अध्यापकों ने छटवें वेतनमान में विसंगति को सुधरवाने व अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन कराने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है। 11 सूत्रीय विभिन्न मांगों को लेकर अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
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इसके पहले अध्यापक संघर्ष समिति ने आवासीय स्कूल परिसर में एकत्रित हुए। इसके बाद संकल्प रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचें, जहां मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिला प्रशासन के प्रतिनिधि लोक सूचना के प्रबंधक एके बर्रकुर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौपनें वालों में अध्यापक संघर्ष समिति के सतीश त्यागी, विश्वजीत त्यागी, कमल बैरागी, बलराम पंवार, राजेन्द्र परमार, नीलू गेहलोत सम्मिलित थे ।
congress protest
इधर,कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
वहीं दूसरी ओर बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बेरोजगार सेना का प्रदर्शन चल रहा है, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से सरकार के विरोध में महंगाई और व्यापम जैसे मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, इसी विरोध के चलते कांग्रेसियों द्वारा भाजपा सरकार का पुतला दहन भी किया गया।
सीएम हॉउस की ओर कूच करेंगे प्रदर्शनकारी अध्यापक…
मुख्यमंत्री के गुणवत्ता सम्मेलन के बार बार टलने और अध्यापकों की शिक्षा विभाग में संविलियन,सातवे वेतनमान,अनुकंपा नियुक्ति,ग्रेच्युटी,बंधन रहित स्थानांतरण नीति की लंबित मांगों से आक्रोशित प्रदेश भर से हज़ारों अध्यापक रविवार को भोपाल के शाहजहानी पार्क में जुटे हैं।
इन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आज मांग पूरी नही होती है तो सीएम हॉउस का घेराव करने रैली निकाली जाएगी। राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव और आजाद अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष भरत पटेल ने चेतावनी दी की आज प्रदेश का अध्यापक खाली हाथ घर वापस जाने नही बल्कि मांग पूरी कराकर ही वापस जाएगा।
इनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने विगत दो वर्षों से शिक्षा विभाग में संविलियन की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लेने का आश्वासन देते आ रहे है,विगत 14 दिसंबर को अपने निवास पर बुलाकर अध्यापक संघों से भी चर्चा कर 24 दिसंबर को पुनः बुलाया था। तब से न तो मुख्यमंत्री मिले न ही कोई घोषणा ही की। जगदीश यादव ने कहा कि इस दौरान सरकार का अमानवीय चेहरा भी सामने आया जब प्रदेश में 600 से अधिक अध्यापको की मृत्यु होने पर उनके परिजन दो जून की रोटी तक को मोहताज हैं।
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