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भोपाल

7वें वेतनमान पर साढ़े तीन लाख कर्मचारियों को बड़ा झटका, सरकार अभी नहीं दे पाएगी आपका पैसा

7वें वेतनमान पर साढ़े तीन लाख कर्मचारियों को बड़ा झटका, सरकार अभी नहीं दे पाएगी आपका पैसा

भोपालJul 23, 2018 / 01:10 pm

Faiz

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भोपालः 7वें वेतनमान का लाभ पाने वाले प्रदेश के लगभग 3 लाख 15 हजार से ज्यादा नियमित कर्मचारियों को वित्त विभाग द्वारा बनाए गए नए सॉफ्टवेयर में आई तकनीकी खामी का भुगतान भुगतना पड़ रहा है।नए सॉफ्टवेयर के बनने के बाद ही आई इस तकनीकी खामी के चलते अभी तक सातवें वेतनमान के एरियर्स की पहली किश्त ही नहीं मिल पाई है। कर्मचारियों को इसकी पहली किश्त मई 2018 के महीने में ही मिल जानी थी, लेकिन नए सॉफ्टवेयर में रिकॉर्ड की एंट्री व दस्तावेज अपलोडिंग ना हो पाने के चलते प्रदेश के इन कर्मचारियों को फिलहाल इसकी पहली किश्त मिल पाने के आसार नहीं हैं।

अभी 15 दिन और लगेंगे

वेतनमान के एरियर्स की किश्त ना मिलने से नाराज़ कर्मचारियों ने बताया कि, विभाग द्वारा बनाए गए नए सॉफ्टवेयर के स्लो चलने, बार-बार नेटवर्क फेल हो जाने के कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि, इसकी पहली किश्त हमें मई मिल जानी थी, लेकिन पिछले 18 महीनों से काफी परेशान होने के बावजूद भी नहीं मिली है। वहीं, वित्त विभाग के मध्य प्रदेश अपाध्यक्ष एलएन शर्मा ने बताया कि, विभाग की व्यवस्था काफी खराब चलने के कारण फिलहाल, इस व्यवस्था में पूरी तौर पर व्यवस्थित होने अभी लगभग 15 दिन और लग सकते हैं।

एक तिहाई कर्मचारियों को नहीं मिला लाभ

बता दें कि, प्रदेश में 4 लाख 50 हजार नियमित कर्मचारी हैं, जिनमें से अब तक करीब 1 लाख 35 हजार कर्मचारियों को ही पहली किश्त मिल सकी है। कर्मचारियों को पहली किश्त की रकम 20 हज़ार से लेकर 60 हजार रुपए मिलने थे। जिन नियमित कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल चुका है, उन्हें भी इसका लाभ जुलाई 2018 के महीने में दिया गया। जबकि, सरकार की ओर से इस वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 में ही लागू किया जा चुका है। शासन ने बीच के 18 महीने के एरियर्स की किश्त साल 2018-19-20 के मई महीने में देने का फैसला लिया है।

यह व्यवस्थाएं भी अधर में

वित्त विभाग ने कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, मेडिकल बिल को पास करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी लागू की, जिसके तहत इंटीग्रेडेट फाइनेंशियल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (आईएफएमआईएस) पर वेतन, भत्ते व एरियर्स से जुड़ी जानकारी की एंट्री का काम हो रहा है। बता दें कि, इससे पहले इस काम को मैनुअली किया जाता था। लेकिन, वित्त विभाग द्वारा इसे अपग्रेड करने का कारण इस व्यवस्था में पारदर्शिता लाना था। लेकिन बार-बार सिस्टम में आने वाली तकनीकी समस्याओं के कारण यह व्यवस्था सवालों के घेरे में भी घिरती जा रही है। तकनीकि खामी का खामियाज़ा सिर्फ एरियर्स की राशि का भुगतान करने में ही नहीं हो रहा, बल्कि कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन और भत्ते में भी आ रही है, साथ ही इसी के चलते बिलों के भुगतान होने में भी कई समस्याएं सामने आ रही हैं।

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