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भोपाल

1600 करोड़ के टेंडर की होगी जांच, जानें क्यों

– पीएचई व जल निगम की समीक्षा : पेयजल की नई नीति तैयार होगी, राइट-टू-वॉटर पर भी जल्द काम

भोपालJun 13, 2019 / 11:37 pm

anil chaudhary

kamal nath

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भोपाल. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और जल निगम के तहत पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की। इसमें कमलनाथ को जब पता चला कि विधानसभा चुनाव के परिणाम आन के दूसरे दिन ही 1600 करोड़ के ग्लोबल टेंडर मंजूर किए गए हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतनी क्या जल्दी थी कि सरकार बनने से पहले के पहले टेंडर जारी कर दिए। उस समय तो आचार संहिता भी लगी थी, फिर भी टेंडर कैसे मंजूर हो गए। मुख्यमंत्री ने इस मामले की पूरी प्रक्रिया की जांच कराने को कहा है साथ में निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखकर पूछने को कहा है कि क्या ये आचार संहिता के उल्लंघन में आता है या नहीं। कमलनाथ ने कहा कि इन टेंडरों की स्कू्रटनी की जाए। कौन से टेंडर क्यों हुए देखा जाए। कहीं जरुरत लगती है, तो उसकी जांच की जाए। कमलनाथ ने कहा- पानी की समस्या को इतने सालों में हल नहीं कर पाना बेहद गंभीर है। जब हर साल पानी पर इतना खर्च किया जा रहा है, तो फिर ऐसी भीषण समस्या क्यों हैं। उन्होंने पेयजल को लेकर समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करने के लिए कहा।
राज्य मंत्रालय में पेयजल की समीक्षा पर कमलनाथ ने कहा कि पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए समय सीमा आधारित योजना बनाई जाए। साथ ही राइट-टू-वॉटर एक्ट और पेयजल नीति तैयार की जाए। सीएम ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अभी चल रही योजनाओं को तय सीमा में पूरा करने के लिए कहा।
– पीपीटी व एन्यूटी मोड आएगा
पेयजल को लेकर भी कमलनाथ ने आत्मनिर्भरता का फार्मूला दिया। उन्होंने कहा कि प्रायवेट सेक्टर और जनभागीदारी से समन्वय करके खुद के स्त्रोत जुटाए जाए। इसे लेकर अलग से कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उन्होंने जल-प्रदाय योजनाओं के पीपीपी एवं एन्यूटी मोड पर क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न मॉडलों का अध्ययन करने को कहा। बैठक में जल निगम के तहत मंदसौर, नीमच व छिंदवाड़ा में नई परियोजना इकाई की स्थापना को भी मंजूरी दे दी।

– मंत्री ने दिया दिल्ली यात्रा को ब्यौरा
पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने बैठक में सीएम को दिल्ली में पानी को लेकर बैठक संबंधित ब्यौरा दिया। बीते दिनों ही पांसे दिल्ली गए थे। वहां उन्होंने प्रदेश के राइट-टू-वॉटर मॉडल को पूरे देश में अपनाने की मांग की। इसकी जानकारी भी सीएम को दी गई। पांसे ने विधानसभावार पेयजल योजनाओं की समीक्षा का ब्यौरा भी दिया। साथ ही बताया कि पिछली सरकार से बेहतर काम हो रहे हैं।
– योजनाओं व लागत का होगा आकलन
कमलनाथ ने पेयजल योजनाओं और उसकी लागत के आकलन के निर्देश भी दिए। दरअसल, अनेक योजनाओं में भारी खर्च के बावजूद उतना फायदा नहीं मिल पाया है। इसके अलावा अब हर जिले के लिए अलग से पेयजल आपूर्ति का सिस्टम विकसित करने पर विचार हो रहा है। इसके तहत नई परियोजनाओं को लाने के लिए योजनाओं के आकलन व लागत की पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है।
– परिवहन पर फोकस
कमलनाथ ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जहां-जहां पानी का संकट है, वहां वैकल्पिक इंतजामों पर ध्यान दिया जाए। फिलहाल जहां पानी का परिवहन करके आपूर्ति की जा रही है, तो वहां पर दिक्कत न आने दी जाए। जहां जरूरत हो वहां पानी परिवहन करके पहुंचाया जाए।

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