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भोपाल

कुत्तों का आतंक: एक दिन में 205 मरीज पहुंचे जेपी अस्पताल, इनमें 40 फीसदी बच्चे

मरीज बोले- एंटी रैबीज वैक्सीन का इंजेक्शन लगवाने डेढ़ घंटे बाद आया नंबर

भोपालMar 27, 2024 / 06:35 pm

Bhalendra Malhotra

कुत्तों का आतंक: एक दिन में 205 मरीज पहुंचे जेपी अस्पताल, इनमें 40 फीसदी बच्चे

कुत्तों का आतंक: एक दिन में 205 मरीज पहुंचे जेपी अस्पताल, इनमें 40 फीसदी बच्चे

भोपाल. कुत्तों का आतंक गर्मी बढऩे के साथ बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को जेपी अस्पताल में 205 मरीज कुत्ते के काटने के चलते एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचे। जिसके चलते लाइन इतनी लंबी थी कि लोग सीढ़ी तक पर खड़े थे। कटारा से आए रङ्क्षवद्र ने बताया कि उनके 8 साल के बच्चे को आवारा कुत्ते ने काट लिया। इंजेक्शन लगवाने के लिए डेढ़ घंटे लाइन में लगना पड़ा। अभी दो इंजेक्शन और लगना है। इनमें 40 फीसदी बच्चे थे। हमीदिया में भी 40 लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचे।
टीका तीन वर्ष तक कारगर
जेपी के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुत्ता काटने के तुरंत बाद ही पीडि़त को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए। अगर किसी कारण नहीं लगवा पाए तो 72 घंटे में हर हाल में लगवा लें, अन्यथा संक्रमण फैल जाता है। एक टीका तीन वर्ष तक काम करता है। कुत्ता काटने पर झाड़ फूंक के चक्कर में कतई न पड़ें।
भीड़ देखकर लगाया अतिरिक्त स्टाफ
जेपी अस्पताल में सुबह 10 बजे के करीब कुत्ते काटने के चलते आने वालों की संख्या बढऩे लगी थी। एक घंटे बाद स्थिति यह थी मरीजों की कतार इतनी लंबी हो गई कि लोगों लाइन में बने रहने के लिए सीढ़ी पर खड़े होने शुरू हो गए। इसकी सूचना मिलते ही प्रबंधन हरकत में आ गया। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि लंबी लाइन को देखते हुए तत्काल इंजेक्शन लगाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की ड्यूटी लगा दी गई थी।
हर साल के साथ बढ़ रहीं घटनाएं सिर्फ आंकड़े में हो रही रोकथाम
शहर में कुत्तों का आतंक कम होने की बजाय साल दर साल बढ़ता जा रहा है। नगर निगम कुत्तों का आतंक कम करने के आंकड़े हर साल नगर परिषद की बैठक में पेश करता है। पिछले 5 साल में हैदराबाद की प्राइवेट एनजीओ को ठेका देने की दर में लगातार इजाफा हुआ है। शहर में आवारा कुत्तों की संख्या भी बढ़ गई है। एजेंसी का दावा है कि प्रतिदिन कुत्तों की नसबंदी हो रही है, लेकिन हकीकत में घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है।

निगमायुक्त और महापौर से बार बार निवेदन करने के बावजूद इस मामले की जांच नहीं कराई जा रही है। कुत्ते पकडऩे के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए का टेंडर घोटाला हो रहा है। शहर की जनता कुत्तों का शिकार हो रही है। सीएम की नाराजगी के बावजूद एनजीओ को बचाया जा रहा है।
– शाबिस्ता जकी, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
आवारा कुत्तों को पकड़कर इनकी रोकथाम कराने का काम निजी एनजीओ के माध्यम से चल रहा है। अपर आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों को मौके पर जाकर औचक निरीक्षण करने कहा गया है।
– हरेंद्र नारायण, आयुक्त, नगर निगम

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