इस बार भाजपा भी कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा, गुना और रतलाम-झाबुआ को फोकस कर रही है। गुना और छिंदवाड़ा में भाजपा की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। पिछली बार गुना सीट पर भाजपा ने काफी जोर लगाया था, जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीत का अंतर पिछली जीतों के मुकाबले बेहद घट गया था। इस कारण कांग्रेस इस बार अपने किले में सेंध का जवाब भाजपा के गढ़ों को हिलाकर देना चाहती है, इसलिए इन सीटों के नाम तय करने में कई पहलू कारगर होंगे। इसमें कमलनाथ के स्तर पर सर्वे के अलावा लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट व पार्टी और राहुल कार्यालय के अपने फीडबैक भी शामिल हैं।
– कमलनाथ के यहां दावेदारों की भीड़
कमलनाथ के यहां लोकसभा चुनाव के लिए दावेदारों की भीड़ बढ़ रही है। अनेक हारे विधायकों ने कमलनाथ को दावेदारी पेश की है। बीते दिनों हारे विधायक निशंक जैन ने भी सागर सीट से चुनाव लडऩे के लिए कमलनाथ से मिलकर दावा पेश किया है। उनके अलावा अरुण यादव, मुकेश नायक, सुंदरलाल तिवारी, रामनिवास रावत सहित आधा दर्जन हारे विधायक दावेदार हैं।