अंग्रेज अफसर कर लेता है गिरफ्तार अंग्रेज पुलिस बल बुलाकर खेती को कटवाना चाहता है। सरपंच अफसरों से एक माह का समय मांगता है। एक माह बाद जब अफसर आते हैं तो देखते हैं कि खड़ी फसल सूख गई है। सरपंच बताता है कि इस खेत पर जादू किया गया है। अंग्रेज अधिकारी कहते हैं कि तुमने सरकार को धोखा दिया है तुम पर मुकदमा चलेगा और फांसी की सजा दिलवाउंगा। पुलिस किसान को हवालात में बंद कर देती है।
किसान अंग्रेज अफसरों से कहता है कि जाओ मेरे खेत को देखकर आओ वो लहलहा रहे है, अंग्रेज अफसर जाता है तो खेत उन्हें लहलहाता मिलता है। किसान कहता है कि ये माटी हमारी मां है, हमारा दुख दर्द जानती है। अंग्रेज अफसर नत मस्तक होता है और नौकरी छोड़कर अपने देश वापस चला जाता है। डायरेक्टर हनी ने बताया कि इस नाटक में कुल 22 बाल प्रतिभागियों ने भाग लिया।
धन और दौलत में दादी को भूला भुलवा भुलक्कड़ की कहानी गांव के उस लड़के की है, जो पल भर में अपनी बातें भूल जाता है। एक दिन उसकी दादी उसे महल भेजती है, वो रटता -रटता महल के लिए निकलता है। लेकिन रस्ते में जितने लोग उससे मिलते है, उसे अलग ही कुछ रटा देते है। आखिर में वह राजमहल में पहुंचता है। वहां उसके कारण राजमहल में चोरी होने से बच जाती है, तो राजा उसे खूब धन-दौलत मिठाई देने की घोषणा करता है। इतना सब कुछ पाकर उसे जो कुछ याद आता है वह सब कुछ फिर भूल जाता है। धन और दौलत के चक्कर में मिलने वाली ख़ुशी में अपने ही गांव और दादी को भूल जाता है।