scriptकिसान के शरीर में मिली थी गोली, फिर भी क्यों बढ़ती रही पेशी | The bullet was found in the body of the farmer, but why the muscle gr | Patrika News
भोपाल

किसान के शरीर में मिली थी गोली, फिर भी क्यों बढ़ती रही पेशी

मंदसौर गोलीकांड में गृहमंत्री ने दिया जवाब

भोपालJul 23, 2019 / 12:35 am

anil chaudhary

Questions related to development work in the assembly

Questions related to development work in the assembly

भोपाल. मंदसौर गोलीकांड में मृतक किसान घनश्याम धाकड़ के मामले की जांच कर रहे अफसर बिना कार्रवाई पेशी बढ़ाते रहे। 10 माह तक पेशी बढ़ाई जाती रही। कांगे्रस के कुणाल चौधरी के सवाल पर गृहमंत्री बच्चन के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मंत्री ने दावा किया कि अब जांच में तेजी आई है। जून 2017 में किसान आंदोलन के दौरान गोली चालन में घनश्याम की मौत हुई थी। जवाब में मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि मृतक के शरीर में बंदूक की गोलियां पाई गई थीं। इसे जांच के लिए एफएसएल सागर भेजा गया है।
– पीएचक्यू ने शहीद माना, सरकार ने नकारा
विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे की सुरक्षा में पदस्थ उप निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह को पीएचक्यू ने शहीद माना, लेकिन राज्य सरकार ने इसे शहीद का दर्जा नहीं दिया। इसका खुलासा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के सवाल में जवाब में गृहमंत्री बाला बच्चन ने किया। हर्षवर्धन का 13 जनवरी को नक्सली इलाके में दुर्घटना में निधन हो गया था। मंत्री ने तर्क दिया कि हर्षवर्धन का प्रकरण असाधारण परिवार पेंशन नियम 1965 की परिधि में नहीं आता। आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति का प्रकरण विचाराधीन है।
– 676 थानों में महिलाओं के लिए नहीं विशेष कक्ष
गृहमंत्री बाला बच्चन ने लिखित उत्तर में स्वीकार किया कि प्रदेश के 676 थानों में महिलाओं के लिए विशेष कक्ष नहीं है। सरकार ने प्रदेश के थानों में महिलाओं के लिए विशेष कक्ष बनाए जाने का वचन दिया था। इसमें पेयजल एवं प्रसाधन इत्यादि की व्यवस्था भी शामिल है।
– नोटबंदी, जीएसटी के प्रभावों की जानकारी नहीं
नोटबंदी और जीएसटी के बाद मध्यप्रदेश में कितने लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग बंद हुए, कितने लोग बेरोजगार हुए। राज्य सरकार के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। विधायक प्रताप ग्रेवाल को दिए गए लिखित उत्तर में मंत्री आरिफ अकील ने यह बताया।
– एक साल में 13 फीसदी ही हुआ काम
मध्यप्रदेश की 7546 करोड़ की लागत वाली नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना का काम एक साल में मात्र 13 फीसदी ही हुआ है। जबकि, इसे वर्ष 2022 में पूरा करने का लक्ष्य है। यह जानकारी भाजपा के सुदेश राय के सवाल के जवाब में नर्मदा घाटी विकास विभाग मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने दी। उन्होंने इस योजना को सीहोर नगर के लिए होने से साफ इनकार किया। यह परियोजना का निर्माण चार चरणों में पूरा होना है। प्रत्येक चरण में 50000 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। इस परियोजना से सीहोर और शाजापुर जिले के 369 गांवों के किसान लाभान्वित होंगे। प्रत्येक किसान को ढाई हेक्टेयर तक 20 मीटर दबाव से जल उपलब्ध होगा।
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