ब्रीज सेक्शन के चीफ इंजीनियर अखिलेश उपाध्याय ने मंत्री से कहा कि प्रदेश भर में तकरीबन 650 ब्रिज बनना है, इसमें अभी मात्र 50 ही बन पाए हैं। तकरीबन 150 ब्रिज का काम चल रहा है।
इस पर पीडब्ल्यूडी मंत्री नाराज हो गए, उन्होंने कहा कि आपके हिसाब से तो ब्रिज सेक्शन की प्रोग्रेस जीरो है। उन्होंने सुस्त गति से काम करने की वजह पूछी तो चीफ इंजीनियर ने बताया कि ब्रिज के लिए जमीन नहीं मिल रही, कई जगह अतिक्रमण है तो कुछ जमीन वन विभाग के अधीन आ
रही है। इस पर मंत्री ने नारजगी जाहिर करते हुए कहा कि पुल बनाने के लिए जमीन ठेकेदारों को उपलब्ध कराने का काम आप का है, आप ठेकेदारों को जल्दी जमीन उपलब्ध कराएं। मंत्री ने सभी इंजीनियरों को चेताया कि समय पर काम पूरा नहीं किया तो सबकी सीआर बिगाड़ दी जाएगी।मंत्री ने कहा कि जो इंजीनियर ठेकेदारों से समय पर काम नहीं करा सकते, उन्हें पीडब्ल्यूडी के मुख्यालय में अटैच कर दो। उन्होंने साफ किया कि मैदानी पदस्थापना उसी इंजीनियर को दी जाएगी जो काम को गुणवत्तापूर्ण तरीके से तय समय पर पूरा कराने की क्षमता रखते हों। मंत्री ने यह भी कहा कि बेवजह कामों को लटकाकर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने वाले इंजीनियरों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद मंत्री ने एक—एक करके हर संभाग के अधीक्षण यंत्री से बात की, उन्होंने उनके क्षेत्र में सडकों के काम और उनके गुणवत्ता की भी जानकारी ली।