राज्य सरकार ने एक दिन पहले ही सूबे के कर्मचारियों को वेतनवृद्धि के आदेश जारी किए थे। इससे राज्य के साढ़े चार लाख नियमित कर्मचारियों और शिक्षकों को सीधा लाभ होगा। कर्मचारियों का एतराज यह है कि सरकार ने वेतनवृद्धि तो दे दी लेकिन एरियर के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया। वहीं कर्मचारी डीए पर भी अड़े हैं। कमलनाथ सरकार के समय राज्य कर्मचारियों को 5 प्रतिशत डीए देने के आदेश जारी हुए थे, लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही डीए का आदेश स्थगित कर दिया गया। इसके लिए कोरोना संक्रमण के चलते राज्य की आर्थिक सेहत अच्छी न होना बताया गया। तब से कर्मचारियों को डीए नहीं मिला है। हाल ही में केन्द्रीय कर्मचारियों को डीए का एलान किया जा चुका है। इससे राज्य कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में डीए के मामले में और पिछड़ गए हैं। अब यह अंतर 12 प्रतिशत का हो गया है।
कर्मचारियों का दो दिन का अल्टीमेटम – मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने राज्य सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। मोर्चा के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह का कहना है कि मोर्चा की इक्रीमेंट, डीए व प्रमोशन की मांग थी। इक्रीमेंट की मांग पूरी हो गई है, लेकिन डीए और प्रमोशन को लेकर सरकार ने फैसला नहीं लिया है। इस कारण आंदोलन यथावत रखा है। 29 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेने से दफ्तरों में लॉकडाउन रहेगा, जबकि 30 जुलाई से हड़ताल शुरू कर देंगे।