प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्हाेंने कहा कि भाजपा सरकारें केंद्र में हों या राज्य में स्वभाव से किसान विरोधी ही रही हैं। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने में गोलियां उतार देती है और केंद्र की भाजपा सरकार किसान फसलों के दाम मांगे तो उनके सिर लहू लुहान किए जाते हैं, राहों में कील और कांटे बिछाती है। वहीं कमलनाथ सरकार 27 लाख किसानों का कर्ज माफ करती है। सबसे सस्ती बिजली किसानों को उपलब्ध कराती है।
बजट चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चार वित्त वर्ष में मोदी सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण का 78,533.51 करोड़ रुपए खर्च नहीं किया। राज्य सरकार ने किसान कल्याण की केवल 22 प्रतिशत राशि ही खर्च की। मध्यप्रदेश में किसानों पर औसत कर्ज 74,420 रुपए और औसत आय सिर्फ 8339 रुपए प्रतिमाह है। यह सबसे निचले चार राज्यों में है।