प्रदेश के राजस्व एवं पुर्नवास विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अलावा परिपत्र के अनुसार व्यवस्थाओं का लाभ दिए जाने का उल्लेख है, लेकिन इसका पालन आज तक नहीं किया गया। राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने 3 अप्रैल 2018 को जारी परिपत्र में सभी जिला कलेक्टरों को पश्चिमी पाकिस्तान से आने वाले विस्थापित परिवारों के लंबित प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिए थे, लेकिन इसमें रिफ्यूजी कार्ड की शर्त जोड़ दी गई, जबकि विभाजन के समय किसी तरह का रिफ्यूजी कार्ड मिला ही नहीं था।
नहीं मिल रही निर्माण की परमिशन
प्रेम रामचंदानी मार्ग से भोपाल-इंदौर राजमार्ग तक 100 एकड़ में बसे सिंधी विस्थापित परिवारों को निर्माण करने की परमिशन नहीं दी जा रही है। नगर निगम में परमिशन के लिए आवेदन करने पर यह कह कर टरका दिया जाता है कि यह क्षेत्र नगर तथा ग्रामीण निवेश संचालनालय द्वारा अनुमोदित नहीं है
सिंधी विस्थापितों के पट्टे की समस्या व नवीनीकरण करने मुख्यमंत्री से मांग की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा घोषणा-पत्र में इसे पूरा करने का वचन दिया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है।
सुरेश जसवानी, महासचिव सिंधी सेंट्रल पंचायत
प्रदेश के राजस्व एवं पुर्नवास विभाग द्वारा जारी अलग अलग निर्देशों के अलावा परिपत्र के अनुसार व्यवस्थापनों का लाभ दिए जाने का उल्लेख है। लेकिन इसका पालन आज तक नहीं किया गया।
एनडी खेमचंदानी, अध्यक्ष पंचायत
बेसमेंट में चल रही दुकानें, सड़क पर खड़े हो रहे वाहन
पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त करने निगम ने कमर्शियल कॉम्पलेक्स के बेसमेंट को वाहनों के लिए सुरक्षित करने का नियम बनाया है। लेकिन इसकी अनदेखी से वाहनों को सड़क पर खड़ा किया जा रहा है। कोलार मुख्य मार्ग में बने अधिकत्तर बेसमेंटों में दुकानें संचालित हो रही हैं, लिहाजा यहां आने वाले लोगों को वाहन सड़क पर पार्क करना पड़ता है। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतार लग जाती है। कॉम्पलेक्स में पार्किंग की जगह दुकानें संचालित होने से लोग अपने वाहन सड़क पर पार्क करते हैं। इससे जाम के हालात बन रहे हैं।