मछली बाजार बैरागढ़ निवासी नारायण और समित्रा की बेटी का बाल विवाह कराया जा रहा था। घर में मंडप लगा था, बारात आने की तैयारियां चल रही थी, घर में रिश्तेदारों की खासी भीड़ लगी थी। बारात आने से पहले की रस्में चल रही थीं। इसी बीच मोतियापार्क की परियोजना अधिकारी प्रियंका दीवान को सूचना मिली तो उन्होंने चाइल्डलाइन और पुलिस को कॉर्डिनेट कर एक टीम बनाई। मौके पर टीम के पहुंचते ही ढोलक की थाप थम गई, टीम ने लड़की की उम्र के संबंध में जानकारी की तो आधार कार्ड दिखाया। जिसमें उम्र 19 साल के लगभग थी। प्रियंका को शक हुआ तो उन्होंने लडकी की मार्कशीट मंगवाई। इस पर परिजन टालमटोली करने लगे, घर के अन्य सदस्य और आस-पड़ौस के लोग एकत्रित हो गए। पुलिस ने सख्ती दिखाई तब कुछ लोग पीछे हटे और लड़की की मर्कशीट लेकर आए। उसमें लड़की की उम्र 17 साल आठ माह थी। इस आधार पर प्रियंका ने शादी रुकवा दी और माता-पिता को लेकर थाने पहुंच गए। बैरागढ़ थाने में उन्हें काफी समझाइश दी गई इसके बाद ही वे माने। उनसे शपथपत्र भरवाया गया है कि वे बालिग होने के बाद ही शादी करेंगे।
चाइल्डलाइन को थी रात से सूचना
सूत्रों का कहना है कि इस मामले की सूचना चाइल्ड लाइन को रात में ही लग गई थी। लेकिन उन्होंने न तो पुलिस और न ही महिला बाल विकास विभाग से सम्पर्क किया। अगर समय रहते प्रयास किए जाते तो ये शादी शनिवार रात को ही रुक जाती।