पूर्व की तरह ही होगा सीटों का आरक्षण
सीटों का आरक्षण भी पूर्व की तरह जातिगत रहेगा। वर्ष 2014 में जो सीटें आरक्षित की गई थी वहीं सीटे आगामी पंचायत चुनाव में भी आरक्षत रहेंगी। इससे आरक्षण की प्रक्रिया और जिला निर्वाचन आधिकारियों को अब नए सिरे से नहीं करना होगा। सीटें बढऩे से आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व भी काफी बढ़ जाता। अगर आरक्षण प्रक्रिया में सरकार फेर बदल करती तो चुनाव कार्य दो माह तक आगे बढ़ सकता था। अब सरकार भी पंचायत चुनावों को बहुत ज्यादा आगे बढ़ाने के मूंड में नहीं है।
फैक्ट फाइल
पूर्व में ग्राम पंचायतें– वर्तमान में–पूर्व में जनपद पंचायतें– वर्तमान में–पूर्व में जिला पंचायतें– वर्तमान में
23924———-22816——-313——————313—–51—————-52
—–
पूर्व में ग्राम पंचायतों के वार्ड — वर्तमान में–पूर्व में जनपद पंचायत के वार्ड– वर्तमान में–पूर्व में जिला पंचायतों के वार्ड ं– वर्तमान में–
362523—————–326459——–6790—————-6833————-904———–852