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भोपाल

गैस कांड पर बनी वेबसीरीज ‘द रेलवे मैन’ के प्रोडक्शन को भोपाल से पहुंचा लीगल नोटिस

निर्माता को भोपाल के शादाब दस्तगीर ने भेजा कानूनी नोटिस। बताई बड़ी वजह।

भोपालNov 24, 2023 / 10:18 pm

Faiz

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गैस कांड पर बनी वेबसीरीज ‘द रेलवे मैन’ के प्रोडक्शन को भोपाल से मिला लीगल नोटिस

दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी में से एक भोपाल गैस कांड पर आधारित यशराज फिल्म्स के प्रोडक्शन में बनी वेबसीरीज ‘द रेलवे मैन’ एक तरफ अपने अदाकारों के अभिनय के दम पर भोपाल ही नहीं बल्कि देशभर में खासा चार्चा बटोर रही है तो वहीं दूसरी तरफ भोपाल से ही वेबसीरीज के प्रोडक्शन को इसपर आपत्ति जताते हुए लीगल नोटिस भेजा गया है।

वेबसीरीज प्रोडक्शन को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि इसे जिस अनसंग हीरो की कहानी पर केंद्रित किया गया है उनका नाम गुलाम दस्तगीर है। भोपाल गैस कांड के समय वो भोपाल में डिप्टी स्टेशन सुपरिटेंडेंट के पद पर पदस्थ थे। उन्होंने उस खोफनाक रात को मुंबई-गोरखपुर एक्सप्रेस को भोपाल स्टेशन से काफी दूर रुकवाकर हजारों लोगों की जिंदगियां बचाई थी। प्रोडक्शन हाउस को नोटिस उन्हीं गुलाम दस्तगीर के बेटे शादाब दस्तगीर ने भेजा है।

 

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नोटिस भेजने की वजह

मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि मेरे पिता ने उस खौफनाक रात में सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी। लेकिन पिछले चार दशक में अबतक उन्हें इसपर कोई सम्मान नहीं मिला और अब जब इस मुद्दे पर वेबसीरीज बनी तो वो भी उन्हीं पर केंद्रित है। बावजूद इसके हमसे किसी ने संपर्क कर ये जानने तक का प्रयास नहीं किया कि आखिर उस रात वास्तव में हुआ क्या था ? शादाब दस्तगीर के अनुसार ‘द रेलवे मैन’ वेबसीरीज में मेरे पिता का किरदार अभिनेता के.के मेनन निभाते नजर आ रहे हैं।


रेल कर्मचारियों की वीरता की कहानी

आपको बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी की उस खौफनाक रात पर आधारित वेबसीरीज ‘द रेलवे मैन’ रिलीज हुई है। वेबसीरीज के जरिए भोपाल में दो-तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात हुए उस खौफनाक हादसे के दौरान भारतीय रेल के भोपाल रेल मंडल कर्मचारियों द्वारा दिखाई गई असाधारण वीरता की कहानी को बयां किया गया है। गैस रिसाव की भयावह रात में हवा में एक अदृश्य दुश्मन से लड़ते हुए अपने साथी नागरिकों को बचाने के लिए सभी बाधाओं के बावजूद ये कर्मचारी वहीं डटे हुए थे। सच्ची कहानी से प्रेरित ये सीरीज मानवता की अदम्य भावना का बेहतरीन उदाहरण देती है।

 

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वेबसीरीज में गुलाम दस्तगीर का किरदार

शादाब दस्तगीर का कहना है कि ‘द रेलवे मेन’ वेबसीरीज उनके पिता गुलाम दस्तगीर के किरदार पर केंद्रित है। इसके बावजूद प्रोडक्शन की ओर से उन्हें कोई क्रेडिट नहीं दिया गया, जो गलत है। यही कारण है कि हमारी ओर से निर्माता कंपनी को नोटिस भेजा है।


शादाब दस्तगीर ने बताया उस रात का मंजर

उस खौफनाक रात का मंजर बयां करते हुए शादाब दस्तगीर ने बताया कि त्रासदी की रात जब पिता नहीं आए तो मैं अपनी साइकिल से उन्हें लेने स्टेशन चला गया। भारत टाकीज पुल पर चढ़कर एक नंबर प्लेटफार्म की ओर चल पड़ा। रास्ते के हालात देखकर मेरा कलेजा मुंह को आ गया। मैं पापा के केबिन पर पहुंचा तो वहां एक कर्मचारी मिला। उन्होंने बताया कि वे बेहोश हो गए थे, इसलिए उन्हें एंबुलेंस से उन्हें हमीदिया अस्पताल भेजा गया है। इसके बाद मैं साइकिल से ही हमीदिया अस्पताल पहुंचा तो वहां का मंजर देखकर मेरे होश उड़ गए। हर जगह या तो लाशें पड़ी थीं या तड़पते-बिलखते लोग। इतने लोगों के बीच पिता को ढूंढ पाना नामुमकिन था, इसलिए मैं निराश होकर वापस घर लौट आया। लेकिन, शुक्र था कि उनके पापा बदहवास हालत में ही सही पर घर लौट आए थे।


सिग्नलमैन की चली गई थी जान

शादाब ने ये भी बताया कि कुछ दिनों बाद ठीक होने पर उनके पापा ने उस खौफनाक रात का मंजर सुनाया। उस रात स्टेशन पर मुंबई-गोरखपुर ट्रेन खड़ी थी। अचानक स्टेशन समेत शहरभर में एक अजीब धुआं से छाने लगा, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। पिताजी ने ट्रेन को समय से पहले स्टेशन से रवाना करने का निर्णय लिया और कर्मचारी से सिग्नल देने को कहा, लेकिन सिग्नलमैन की जान चली गई थी। ऐसे में पिताजी दौड़कर लोको पायलट के पास पहुंचे। पायलट ने कहा कि वो बिना सिग्नल ट्रेन नहीं बढ़ा सकेंगे। पिताजी ने हाथ से इंडेंट लिखकर दिया। इसके बाद वे दौड़कर ट्रेन के सबसे पीछे गार्ड रूम में पहुंचे और उसे भी इंडेंट दिया। गार्ड ने कहा कि बिना सिग्नल ट्रेन आगे बढ़ाने से दुर्घटना हो सकती है। इसपर पापा ने कहा कि यहां रहे तो तुम्हारे साथ साथ ट्रेन में सवार हजारों यात्री भी मारे जाएंगे। उन्होंने अपने रिस्क पर ट्रेन को आगे बढ़वाया, जिससे ट्रेन में सवार हजारों यात्रियों की जान बच सकी।

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