– काला कानून बदलने तक संघर्ष
भारतीय मजदूर संघमध्य क्षेत्र यानी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के संगठन मंत्री धर्मदास शुक्ला ने कहा कि जब तक श्रम कानून में किए गए बदलाव वापस नहीं लिए जाते, तब तक मजदूर संघ का विरोध जारी रहेगा। प्रदेश में मजदूरों को 12 घंटे काम करना जरूरी किया गया है, इसको मान्य नहीं किया जा सकता। मजदूर से आइ घंटे ही काम लिया जाना चाहिए। 50 साल से अधिक उम्र के मजदूरों को काम न देने के फैसला भी आपत्तिजनक है। अगर उसको रोजगार नहीं दिया जाएगा तो वो कहां जाएगा। शुक्ला ने कहा स्टैंडिंग ऑर्डर 50 मजदूरों की जगह 100 मजदूर कर दिया गया है। औद्योगिक विवाद पहले 100 मजदूरों पर था, अब 300 मजदूर कर दिया गया है। शुक्ला ने कहा कि सरकार करोना क्षतिपूर्ति फंड बनाकर मजदूरों को निश्चित राशि प्रदान करे।
– रोजगार के लिए सरकार के पास नीति नहीं
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री केपी सिंह ने कहा कि मजदूर बड़े पैमाने पर प्रदेश लौट रहे हैं, लेकिन सरकार के पास इनके रोजगार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है। मजदूरों पर दोहरा संकट है। पहला तो उनको वापसी में बहुत दिक्कत हो रही है, खाने-पीने को नहीं मिल रहा। यहां तक कि मजदूरों से मोटा किराया भी वसूला गया है। जो अफसर मजदूरों के समन्वय के लिए नियुक्त किए गए, वे मजदूरों का फोन नहीं उठा रहे। केपी सिंह ने कहा कि हमने मजदूरों के लिए हेल्पलाइन तैयार की है ताकि उनकी मदद की जा सके।