घटना को पूरे 14 दिन बीत गए, लेकिन अब तक जैन की ओर से निगम प्रशासन को कोई जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी गई। जैन से देरी का कारण पूछा गया तो उन्होंने अभी जांच जारी है का रटारटाया जवाब ही दे पाए। गौरतलब है कि बाणगंगा चौराहे पर आंधी के एक झोंके से गिरी गैंट्री लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती थी। इसके नीचे कार और दो पहिया वाहन दब गए थे।
पत्रिका पड़ताल के अनुसार ये गैंट्री बिना किसी अनुमति और स्ट्रक्चरल इंजीनियर से प्रमाणित कराए बिना ही स्थापित कर दी गई थी। निगम के तय स्थलों में बाणगंगा शामिल नहीं था। मंडीदीप की यूनिकॉर्प सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने ये गैंट्री स्थापित की थी। इसमें रोहित सिंह चौहान और गौरव कुलश्रेष्ठ डायरेक्टर हैं।
कंपनी के डायरेक्टर्स ने तकनीकी त्रुटि को गैंट्री गिरने का कारण बताया था। निगम को इसके असल कारण तलाशने थे, लेकिन नहीं तलाशे गए। एेसे में शहर में स्थापित अन्य गैंट्री की स्थितियों को लेकर आशंका बनी हुई है। यदि इस गैंट्री की रिपोर्ट आ जाती है और कार्रवाई होती है तो अन्य मनमर्जी की गैंट्री पर भी सवाल खड़े होंगे और इन्हें हटाना पड़ेगा। इसी वजह से रिपोर्ट में देरी की जा रही है।