इस मौके पर बरकतुल्लाह विश्व्िरालय के वाइस चांसलर आरजे राव ने आयोजन में शिरकत करते हुए कहा कि मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है कि भोपाल में इतने बड़े पैमाने पर मीकेपस के जरिए शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा की मेरा वतन आंध्रप्रदेश है और मैं मुसलमानों के बीच में रहा हूं। वहां रहते हुए मुझे कभी यह एहसास नहीं हुआ की हिंदू और मुस्लिम दो अलग कौमे हंै।
लकडिय़ों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अधिक से अधिक बच्चियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने की जरूरत है। ये आने वाली पीढ़ी का भविष्य तय करती हैं। कार्यक्रम में विशेष अतिथि प्रोफेसर शकील समदानी ने कहा की तालीम बहुत जरूरी है। मौजूदा हालात में शिक्षा को अपना हथियार बनाना चाहिए। इन्होंने कहा कि राजनीतिक नेताओं ने मुस्लिम कौम को मायूस किया है।
मुस्लिम समाज को सामाजिक कामों में अपनी भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। इन्होंने बताया कि मीकेप्स ने भोपाल और मध्य प्रदेश में सभी धर्म के गरीब निर्धन छात्र एवं छात्राओं को शिक्षा के लिए मदद की है। प्रोफेसर समदानी ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्बदुल कलाम, जावेद उस्मानी, आमिर सुभानी, फैसल शाह और अनीस अंसारी जैसे कई उदाहरण देते हुए कहा कि मुश्किल हालात में भी शिक्षा हासिल कर इन्होंने जबरदस्त तरक्की हासिल की है। ये समाज के लिए उदाहरण हैं। इन्होंने अपने कारनामों से इतिहास रचा है। सभी को इनका अनुसरण करना चाहिए।
बताएं शिक्षा का महत्व
आयोजन के दौरान कहा कि देश में संविधान आज भी सेकुलर है। तालीमी इदारे बनाने की आज भी आजादी है। संविधान के मुताबिक देश में शैक्षणिक संस्थाएं बनाई जानी चाहिए। इस अवसर पर प्रोफेसर समधानी को सामाजिक कार्य एवं कानून के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित
किया गया।
बच्चों को दिए पुरस्कार
संस्था के सचिव डॉ. जफर हसन ने वार्षिक रिपोर्ट कार्ड रखा। होनहार बच्चों का सम्मान किया गया। इस मौके पर राजाभोज विवि के पूर्व कुलपति तारिक जफर एवं शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। सगीर बेदार, प्रो.आफाक अहमद, अब्दुल लतीफ, मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल व मो. इलियास खान को मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया।