खेल और पढ़ाई दोनों क्षेत्रों में उनकी लगन को देखकर उनके कोच व टीचर्स तारीफ करते हैं। अरेरा क्लब में समीर को मास्टर ऑल राउंडर के नाम से जाना जाता था। उन्हें कई बार मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। बोर्ड परीक्षाओं में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। दसवीं परीक्षा में 10 सीजीपीए हासिल कर 21 हजार रुपए की स्कॉलरशिप भी प्राप्त की। इस वर्ष बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में भी समीर ने 91.8 प्रतिशत हासिल कर बेहतर प्रदर्शन किया है।
बैडमिंटन व क्रिकेट का जुनून
चार इमली निवासी पार्थ प्रताप सिंह पढ़ाई के साथ खेलों में भी अव्वल रहते हैं। एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटीज में बढ़-चढकऱ भाग लेते हैं। इंटरस्कूल बैडमिंटन प्रतियोगिता में अपनी टीम को विजय दिलाई। क्रिकेट में एक बार गोल्ड और एक बार ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके सिवा बास्केट बाल में भी उनका प्रदर्शन बेहतर रहा। यूनाइटेड नेशंस की मॉक डिबेट में भी पार्थ विजेता रहे हैं। स्पेल-बी प्रतियोगिता में नेशनल लेवल पर परचम फहराने वाले पार्थ ने यूसीमॉस अबेकस में भी प्रतिभा प्रदर्शित की है। दसवीं में उन्होंने 93 प्रतिशत स्कोर किया है।
अस्पताल के पास हैं ये हाल
सांस और फेफड़ों की बीमारी से पीडि़त मरीजों के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर अस्पताल का निर्माण तो हो गया लेकिन यहां के इंतजाम भगवान भरोसे चल रहे हैं। अस्पताल में सुविधाएं पहले से कम हैं वहीं आसपास भी सफाई के बुरे हाल हैं। ये स्थिति बैंक कॉलोनी स्थिति पल्मोनरी अस्पताल की है। गैस पीडि़तों के ये अस्पताल बना है। आसपास की बड़ी आबादी इलाज के इस पर निर्भर हैं। लेकिन अधूरे इंतजामों के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं। रहवासियों ने बताया कि कुछ दिन पहले नगर निगम ने अस्पताल परिसर को कचरा ढोने वाले वाहनों की पार्किंग में तब्दील कर दिया था। विरोध के बाद इसमें कुछ सुधार तो हुआ लेकिन अब ये कचरा अस्पताल के बाहर फेंका जाने लगा। स्थिति ये बनी कि यहां बड़े-बड़े ढेर लग गए। मामले में नगर निगम को कई बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।