इस गांव में एक भी झोपड़ा नहीं
बावडिय़ाकला अब भोपाल का हिस्सा माना जाता है। इस गांव में अब लोग शहरों की तरह ही बड़े बड़े मकान बनाकर रह रहे हैं, लेकिन इन सुंदर भवनों की खूबसूरती यहां की अव्यवस्थाएं लील रही हैं। रहवासियों के अनुसार यहां नगर निगम गाड़ी कुछ चुनिंदा इलाकों में आकर चली चली जाती है। क्षेत्र में अन्य जगह गंदगी जब सडऩे लगती है तब लोग स्वच्छता एप के माध्यम से नगर निगम के अधिकारियों को जगाते हैं तब जाकर कचरा वाहन यहां आकर गंदगी उठाता है। रहवासियों के अनुसार जनप्रतिनिधियों का वार्ड में कुछ विशेष इलाकों से ज्यादा लगाव है इससे आधे इलाके लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं।
जगह लगे कचरे के ढेर
रहवासी केवलराम मैथिल ने बताया जनप्रतिनिधियों का ध्यान कुछ विशेष इलाकों की तरफ हैं वे वहीं बैठे हुए नजर आ जाते हैं। स्कूल के सामने कचरे का ढेर लगा हुआ है और यहां की नालियां भी नहीं बनाई गई हैं। इस अव्यवस्था का स्कूली बच्चों को सामना करना पड़ता है। स्कूल के सामने पड़े कचरे के ढेर को हटाने के लिए मैंने स्वच्छता एप्प पर शिकायत की तब कहीं जाकर कचरा उठाया गया।
कई दिनों से बंद है स्ट्रीट लाइट
दुकान संचालक सहदेव राजपुरोहित ने बताया गांव के मुख्य मार्ग पर कई दिनों से स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई। इससे रात में यहां निकलने वाले लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कोलार तरफ से गांव में प्रवेश का इतना खराब है कि यहां के रहवासियों का धूल से जीना दूभर हो गया है। जब भी यहां से वाहन गुजरते हैं पूरा इलाका धूलधूसरित हो जाता है। बारिश में यहां से गुजर पाना भी बेहद कठिन होता है।
नर्मदा जल में रोज लीकेज
नमकीन का करोबार करने वाले भवर देवासी ने बताया यहां से गुजर रही नर्मदा जल की लाइन में लीकेज रोक की बात हो गई है। आए दिन यहां लीकेज होने से पानी सड़क पर बहता रहता है। पानी पैदा हुए कीचड़ और गंदगी ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है। आएदिन होने वाले लीकेज से जहां नर्मदा जल प्रदूषित हो रहा है वहीं लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।
27 टैंक बने हैं
क्षेत्र को कचरे से निजात दिलाने के लिए हमने २७ टैंक बनवाए हैं। टैंक लगाने का काम शुरू हो गया है। सड़कों और सीवेज का काम भी जल्द ही पूरा होगा।
रामबाबू पाटिदार, पार्षद वार्ड 52