इस चैत्र नवरात्रि में चार सवार्थ सिद्धि योग रहेंगे। नवरात्रि की द्वितीया 26 तारीख को और 27 को तृतीया के दिन सवार्थ सिद्धी योग रहेगा। इसके बाद 30 तारीख सवार्थ सिद्धि योग रहेगा। नवरात्रि के आखिरी दिन रामनवमी दो अप्रेल को रहेगी उस दिन भी सवार्थ सिद्धि योग रहेगा। जो लोग नवीन मकान भूमि भवन खरीदना चाहते हैं या व्यापार प्रारंभ करना चाहते हैं, उनके लिए यह योग बेहद शुभ होते हैं। नवरात्रि पर्व के दौरान ही 27 अप्रेल को गणगौर सौभाग्य सिद्धि का पर्व है। जिसमें देवी पार्वती की पूजा अर्चना होती है। इस दिन देवी पार्वती और शिव की पूजा का खास दिन रहेगा।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन के साथ हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होगी। विक्रम संवत्सर 2077 की शुरुआत होगी। इस वर्ष का नाम प्रमादि संवत्सर रहेगा। इस वर्ष के राजा बुध, प्रधानमंत्री चंद्र रहेंगे। पंडित प्रहलाद पंड्या बताते हैं कि इसके कारण अन्न उत्पादन अच्छा होगा, वर्षा की स्थिति भी अच्छी रहेगी। वित्तीय व्यवस्थाएं खास तौर पर केन्द्र की स्थिति अच्छी होगी, क्योंकि केन्द्रीय शासन केन्द्र से ही चलता है। प्रशासन कठोर रहेगा और देश के व्यापार में वृद्धि रहेगी। विक्रम संवत नव संवत्सर वर्ष के स्वामी बुध व चंद्र हैं जो दोनों ही बेहद संवेदनशील ग्रह हैं, इसलिए कई मायनों में हालात सुधरने के बावजूद आने वाले वर्ष में महामारियां, संक्रामक रोग भी फैलेंगे।