वर्तमान में रेत केे बढ़ते भाव से आम आदमी को घर बनाने का सपना महंगा हो रहा है। इस समय सरकार के पास भी
रेट कंट्रोल करने की कोई प्लानिंग नहीं होगी। खासकर कोरोना काल में जहां लॉकडाउन के चलते कई स्थानों पर डवलपमेंट के काम बंद हैं। ऐसे में रेत की आवक कम हुई थी लेकिन इस पर रोक लगने से कुछ पहले आवक बढ़ गई। पहले जहां एक दिन में तीन सौ से साढ़े तीन सौ ढेर रेत लेकर आते थे। वहीं आज ये संख्या घटकर दो सौ डंपर रोज
की रह गई।
खनिज चौकी खाली, विभागों ने बुलाए कर्मचारी
शहर के अंदर आने वाले रास्तों पर चोरी रोकने के लिए चार खनिज चौकियां बनाई गईं थीं, जहां पर ईटीपी, रॉयल्टी और ओवर लोडिंग की जांच की जाती थी, लेकिन कोविड की वजह से बिलखिरिया थाने के आगे रायसेन रोड, रातीबड़ थाने के पास जांच नाका और गोल जोड़ फारेस्ट चौकी कोलार रोड पर बनी चौकियों के कर्मचारियों को विभागों ने वापस बुला लिया। जिसकी वजह से इन क्षेत्रों से रेत का अवैध परिवहन जारी है। वर्तमान में सिर्फ 11 मील रोड समरधा पर ही जांच चौकी पर कर्मचारी तैनात हैं। यहां शार्टकट से रेत आ रही है।
पूर्व में पकड़ी जा चुकी है कई बार चोरी
एक ही ईटीपी पर कई डंपर नंबर प्लेट बदलकर अलग-अलग जिलों में रेत परिवहन कर रहे हैं, जिससे सरकार को नुकसान हो रहा है। इन चौकियों पर एक भी ट्रक रेत बिना वैध ईटीपी के और बिना रायल्टी जमा किए विक्रय नहीं होना चाहिए। संभागायुक्त ने बैठक कर इस व्यवस्था में सुधार कर चोरी रोकने के निर्देश दिए हैं।