वन विभाग ने इन शावकों के लिए क्षेत्र भी चिंहित कर लिया है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से दो बाघों को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और एक को बांधवगढ़ में ही छोड़ा जाएगा। बताया जाता है कि जिन्हें बाघवगढ़ के जंगलों में छोड़ा जाएगा उन बाघों मंगलवार को सुबह होशंगाबाद पहुंचा दिया गया है। उन्हें एक दो दिन के अंदर जंगलों में छोड़ा जाएगा। इन बाघों को उन क्षेत्रों में छोड़ा जा रहा है जहां वर्तमान में बाघों की उपस्थिति नहीं है।
वहां उनके शिकार के लिए शाकाहारी वन्य जीवों की पर्याप्त उपस्थिति और पानी की व्यवस्था है। इन्हें छोडऩे के बाद इन बाघों की कुछ समय तक निगरानी भी की जाएगी। इसके साथ ही इनके व्यवहारों का भी परीक्षण किया जाएगा। अगर ये बाघ किसी गांव अथवा शहर की तरफ जाते है तो उन्हें पुन: इनक्लेजर में रखा जाएगा।
फाइट करने में भी सक्षम है ये बाघ
जिन बाघों को जंगलों में छोड़ा जा रहा है वे अपनी सुरक्षा के लिए बाघ सहित अन्य वन्य जीवों से लडऩे में भी सक्षम हैं। ये बाघ काफी स्वस्थ्य और तंदरूस्त है। वाइल्ड लाफ जानकारों का मानना है कि उन्हें अब और अधिक समय तक इनक्लोजर में रखने उनके लिए ठीक नहीं रहेगा। ज्यादा समय तक इनक्लेजर में रखने से वे बैठकर खाने के आदी हो जाएंगे और धीरे धीरे उनका वजन भी बढऩे लगेगा जिससे शिकार करने में भी उन्हें दिक्कत होगी।
दो बाघ आएंगे वन विहार
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के इनक्लोजर से दो अन्य बाघों को वन विहार में छोड़ा जाएगा। इनकी उम्र करीब तीन साल की बताई जा रही है। यह शावक शुरू से ही वहां के स्टॉफ और मनुष्य काफी करीब रह चुके हैं। ये बाघ पालन-पोषण के दौरान वहां के मानव नजदीकी के अभ्यस्त हो चुके हैं।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन्हें जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता है। अगर जंगल में उन्हें छोड़ा जाता है तो वे बाघों सहित अन्य वन्य प्राणियों से फाइट नहीं कर पाएंगे। उनकी जान भी जा सकती है। जिसे देखते हुए दोनों को वन विहार में रखने की सहमति बनी है। इन बाघों को अगले हफ्ते तक वन विहार लाया जा सकता है।
इनक्लोजर में ही रहेगा सारणी से पकड़ा गया बाघ
सारणी से पकड़ा गया बाघ इनक्लोजर में ही रहेगा। उसे छोडऩे के लिए वन विभाग अमला तैयार नहीं हो रहा है। वन अमले उसे दो बार इनक्लोजर से बाहर कर चुका है, लेकिन वह दोनों बार सारणी पहुंच गया है। यह बाघ दो लोगों का शिकार भी कर चुका है।
दरअसल यह बाघ महाराष्ट्र के जंगलों से यहां भटक कर आ गया था। इसे इनक्लोजर से बाहर करने के संबंध में एनटीसीए ने वन विभाग को पत्र भी लिख चुका है। वन विभाग ने इस संबंध में एनटीसीए को बताया है कि वे मानव शिकार का आदी है और उसे खुले जंगल में छोडऩा ठीक नहीं है।
पांच बाघों को शिफ्टिंग के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इन बाघों को जल्द ही अलग-अलग जंगलों में शिफ्ट किए जाएंगे। जिन बाघों को खुले जंगलों में छोड़ा जा रहा है वे शिकार की कला भी सिखाई गई है।
राजेश श्रीवास्तव, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ मुख्यालय