मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन २२ फरवरी को होना है। इससे पहले दावा आपत्ति के मुरैना, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा जिले में एक-एक लाख लोगों ने फार्म भरा है। सबसे कम 18-18 हजार आवेदन नाम जोडऩे और निकालने के लिए उमरिया और नव गठित जिला निवाड़ी में आए हैं।
इन आवेदनों के परीक्षण और जांच-पड़ताल बीएलओ और सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर किए जा रहे हैं। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 22 फरवरी को किया जाएगा। पूरे मध्य प्रदेश से एक विधानसभा से दूसरे विधानसभा में नाम जोडऩे को लेकर करीब 22 लाख से ज्यादा आवेदन जिला निर्वाचन कार्यालयों में आए हैं।
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हुजूर, गोविदपुरा नाम जोडऩे के सबसे ज्यादा फार्म
गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा सबसे ज्यादा फार्म नाम जोडऩे के आए हैं। जबकि पूरे भोपाल में नाम जोडऩे के 84 हजार फार्म आए हैं। वहीं इंदौर में एक लाख 68 हजार फार्म मतदाता सूची से नाम जोडऩे के लिए आए हैं। सबसे ज्यादा नाम जोडऩे के इंदौर-5 विधानसभा से 25 हजार और राऊ से 24 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। वहीं इंदौर एक विधानसभा क्षेत्र से 21 हजार से अधिक फार्म आए हैं।
गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा सबसे ज्यादा फार्म नाम जोडऩे के आए हैं। जबकि पूरे भोपाल में नाम जोडऩे के 84 हजार फार्म आए हैं। वहीं इंदौर में एक लाख 68 हजार फार्म मतदाता सूची से नाम जोडऩे के लिए आए हैं। सबसे ज्यादा नाम जोडऩे के इंदौर-5 विधानसभा से 25 हजार और राऊ से 24 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। वहीं इंदौर एक विधानसभा क्षेत्र से 21 हजार से अधिक फार्म आए हैं।
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इंदौर में मुस्लिम मतदाताओं के नाम निकालने की रिपोर्ट आयोग को सौंपी
विधानसभा चुनाव से पहले इंदौर विधानसभा क्रमांक-3 और क्रमांक-5 में 19 हजार मुस्लिम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से बाहर करने के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट आयोग को भेज दी है। सीईओ कार्यालय का दावा है कि दोनों विधानसभा से करीब 9 हजार वोटरों के नाम बाहर किए गए थे।
इंदौर में मुस्लिम मतदाताओं के नाम निकालने की रिपोर्ट आयोग को सौंपी
विधानसभा चुनाव से पहले इंदौर विधानसभा क्रमांक-3 और क्रमांक-5 में 19 हजार मुस्लिम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से बाहर करने के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट आयोग को भेज दी है। सीईओ कार्यालय का दावा है कि दोनों विधानसभा से करीब 9 हजार वोटरों के नाम बाहर किए गए थे।
मतदाता सूची से नाम हटाने का काम नियम और प्रक्रिया के तहत हुआ था। मतदाता सूची में इस बात का कोई उल्लेख नहीं होता है कि मतदाता किस वर्ग विशेष है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि मुस्लिम वोटरों के नाम मतदाता सूची से बाहर किया गया है। प्रदीप नीखरा