अदरक, लौंग, मुलेठी शहद लगाकर चूसते रहने से लाभ होता है। मुलेठी को चूसने से खांसी और कंठ रोग भी दूर होते हैं। सूखी खांसी में कफ पैदा करने के लिए इसकी 1 चम्मच मात्रा को मधु के साथ दिन में 3 बार चटाना चाहिए। एक अनुमान के मुताबिक लगातार तीन दिन तक सुबह और रात को सोते समय ऐसा करने से चमत्कारिक लाभ मिलता है।
गले में खराश और दर्द का लक्षण
– निगलने व बोलते समय दर्द का बढ़ना
– खराश होना
– निगलने में कठिनाई
– गला सूखना
– गर्दन और जबड़े की ग्रंथियों में सूजन व दर्द
– टॉन्सिल में सूजन और लाल होना
– कर्कश या धीमी आवाज
इन घरेलू उपाय का करें सेवन
– मौसम बदलने पर होने वाली गले की खराश से परेशान हैं, तो ऐसे में काली मिर्च का सेवन करना फायदेमंद रहेगा। रात को सोने से पहले बताशे में काली मिर्च को रखकर चबाएं या काली मिर्च, मिश्री को चबा-चबाकर खाने से गले की खराश में राहत मिलती है।
– हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए गर्म दूध में हल्दी को मिलाकर पीने से गले की खराश कुछ ही दिनों में जड़ से खत्म हो जाती है और आप राहत महसूस करते हैं।
– नमक के गरारे करने से भी फायदा मिलता है। क्योंकि नमक में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, तो वहीं गुनगुने पानी से गले की अंदरूनी रूप से सिकाई होती है। जिससे तेजी से गले की खराश में आराम मिलता है।
– मुलहेठी चूसने से गले से जुड़ी सभी समस्याएं कुछ ही समय में दूर हो जाती हैं। मुलहेठी चूसने से गले की खराश के साथ आपकी आवाज सुरीला और मीठा बनाने का काम करती है।
– अगर कई दिनों से गले में खराश या गले में दर्द की दिक्कत महसूस कर रहे हैं, तो तुलसी, लौंग, काली मिर्च, अदरक वाली चाय यानि हर्बल टी पीना बेहद फायदेमंद रहेगा। क्योंकि तुलसी, लौंग, काली मिर्च, अदरक प्राकृतिक रूप से तासीर से गर्म और एंटी बैक्टरियल होती हैं। जिससे गले में मौजूद इंफेक्शन वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद मिलती है।