भोपाल. कलियासोत केरवा के जंगलों में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है। बाघिन टी 123 के चारों शावक बड़े हो गए हैं। ये अब अपनी मां से अलग होकर अकेले घूमने लगे हैं। ये अपनी टेरेटरी बनाने की तैयारी में लग गए हैं। हाल ही में चंदनपुरा क्षेत्र में एक वीडियो में केवल बाघिन दिखाई दी थी। कलियासोत, चंदनपुरा, मेंडोरा, मेंडोरी के जंगलों में टाइगर का मूवमेंट हैं। यहां टी-123 के साथ ही इसके शावक मौजूद हैं।
शावक खोजते हैं अपनी टेरेटरी
रिटायर्ड उपवन संरक्षक आरएस भदौरिया ने बताया कि दो साल की उम्र के बाद शावक बाघिन से अलग होकर अपनी टेरेटरी खोजने लगते हैं। इनकी टेरेटरी जंगल के ऊपर निर्भर करती है।
तीन दिन पहले पानी में अटखेलियां करते आए नजर
तीन दिन बाघिन के शावकों का मूवमेंट पानी के सौंसर के पास रिकॉर्ड हुआ। ये पानी में अटखेलियां करते नजर आ रहे हैं। अब ये बाघ की तरह दिखने लगे हैं। गर्मी के कारण जंगल में बने सौंसर के पास ये ज्यादातर नजर आए हैं। वन्यप्राणियों को पानी की कमी न हो इसके लिए जंगल में इंतजाम किए गए हैं। पानी के कृत्रिम कुंड बने हैं।