शहर में लगातार ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है। हर रोज लोग सुबह-शाम जाम से जूझ रहे हैं। कुछ वक्त को छोड़ दें तो अधिकतर समय सड़क से पुलिस गायब मिलती है। शहर के करीब 80 प्रमुख तिराहे-चौराहों में 32 जगह ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं। जहां, हर वक्त हेवी ट्रैफिक रहता है। लेकिन इन जगह भी पुलिस तैनात नहीं रहती।
शहर को ट्रैफिक पुलिस ने 12 सेक्टर में बांट रखा है। वर्तमान में दो-दो सेक्टर की कमान एक डीएसपी को सौंपी गई है। इन डीएसपी का कहना कि बेहतर ट्रैफिक के लिए एक सेक्टर में कम से कम 50 का बल उपलब्ध होना चाहिए। जिससे कि ट्रैफिक बेहतर करने में दिक्कत नहीं आए।
मौजूदा बल का अधिकतर उपयोग शहर की ट्रैफिक से अधिक वीआईपी, वीवीआईपी की चाकरी में गुजरता है। राजधानी होने की वजह से दिनभर वीआईपी, वीवीआईपी का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में सड़क पर इनके वाहन बिना अवरोध के निकलें, इसके लिए अधिकतर बल लगाया जाता है।
– 12 सेक्टर में शहर की ट्रैफिक को बांट रखा
– 16.5 लाख करीब शहर में वाहन
– 856 कुल स्वीकृत बल
– 299 उपलब्ध बल
– 65 ने हालही में आमद दी
– 558 बल की कमी
-15 अटैच बल
– 01 पुलिसकर्मी के हवाले करीब 5 हजार वाहन की जिम्मेदारी
1. नागेन्द्र शुक्ला, थाना-बैरागढ़
2. अनिल कुमार सिंह, थाना-टीलाजमालपुरा
3. प्रेमकुमार, थाना-चूनाभट्टी
4. महेन्द्र सिंह, थाना-ऐशबाग
5. सुदर्शन मिश्रा, थाना-हबीबगंज
6. गोपाल सहाय, थाना-चूनाभट्टी
7. वासुदेव परते, थाना-गौतमनगर
8. अवतार सिंह, थाना-गौतमनगर
9. किशोर सिंह, थाना-गौतम नगर
10.देवीराम, थाना-निशातपुरा
11. राजेन्द्र प्रताप सिंह, रक्षित केन्द्र
12. राजपाल, रक्षित केन्द्र
13. मोहम्मद सादिक, थाना-जहांगीराबाद
14. कपिल कौशिक, थाना-कमलानगर
15. योगेन्द्र सिंह यादव, थाना-बिलखिरिया
16. धमेन्द्र तिवारी, थाना-बिलखिरिया
17.सोहनलाल बौरासी, थाना-मिसरोद
18. निरंजन कुमार, थाना-मिसरोद
19. महेश श्रीवास्तव, थाना-अजाक
20. जितेन्द्र, थाना-निशातपुरा